Book Title: Agam Jyotirdhar Part 02
Author(s): Kanchansagar, Suryodaysagar, Abhaysagar
Publisher: Agamoddharak Granthmala

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Page 10
________________ DEEO ********** आगमनबाट आगमन्योतिर्धर शैलाणा नरेशप्रतिबोधक गीतार्थ सार्वभौमं श्रीदेवसूरत पागच्छसामाचारी संरक्षक ध्यानस्थस्वर्गत आगमोद्धारक आचार्य श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी महाराज आगमोद्वारकर्तार शैलाणेशप्रबोधकम्। ध्यानस्थस्वर्गत नौमि सागरानंद सूरिणम् || जन्म स. १९३१ - सायद गुजरात दीक्षा १९४७ सुद बडी (सौराष्ट्र) धन्यारापद १९६० ०५० 5 धनुर्मासो of stus seye sty १८५ sec 29 50 5 20 AGY HIT gesels te Este 2000 પૂ. આગમાદ્ધારક આચાય દેવશ્રી (विशिष्ट मुद्राखे) बाद समाधी आगम मंदार शैत्ञणेश प्रबो द्वारममलमतिभरादागमोद्धारदक्षम्, सिद्धाद्री सूर्यपुर्यां वरभवनकर शैठताम्रागमानाम्। मृत्युजेतारमुच्चैर्निजतनुजहनादयान मुद्रासमाद्यौ, सिद्धान्तोको सुधीरे नुत भविक जनाः सागरानंद सूरिम् ॥ आचार्य पद वि.सं. १९७४ वैशारव सुद१०सुरत आगमवाचना () वि.सं. १९७१ भी १९७७ पाटण कपड अमदाबाद सुरल पालीताणा म बेलापंदर दिवस अर्धपद्मासने ध्यानस्यवशामा स्वर्गवास वि.सं. २००६६ शारद लहान उपाय सुरत 5 चातुर्मासो १९६४ १६७४.१९८२२००० मुंबई. १९६४ १९७७ १९७१ १९६ seesseev, sees gee, gee fr १९७७ १९७८ १९७९म १९८३ साडी. १९८५ १९९३ भर जामनगर १९९० मा अ. 'रुममेट પૂજ્યપાદ, આગમાના તલસ્પર્શી વ્યાખ્યાતા, જીવંત આગમિક-જ્ઞાનકોશ સમાન, પૃ. આગમસમ્રાટ આચાર્ય દેવશ્રીની સ્વર્ગવાસ પૂર્વે અઢી વર્ષની અને સ્વર્ગવાસ વખતની છેલ્લા ૧૫ દિવસની અ પદ્માસન મુદ્રાને વિશિષ્ટ-કલાથી સયુક્તરીતે જણાવનાર અત્યદ્ભુત વિરલ ચિત્ર.............

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