Book Title: Agam 44 Nandisuyam Padhama Chuliya Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 11
________________ [९४] अविसेसिया मई मइनाणं च मइअन्नाणं च विसेसिया मई सम्मद्दिट्ठिस्स मई मइनाणं मिच्छद्दिट्ठिस्स मई मइअन्नाणं, अविसेसियं सुयं - सुयनाणं च सुयअन्नाणं च, विसेसियंसम्मदिट्ठिस्स सुयं सुयनाणं मिच्छदिट्ठिस्स सुयं सुयअन्नाणं । [९५] से किं तं आभिनिबोहियनाणं ? आभिनिबोहियनाणं दुविहं पन्नत्तं तं जहा- सु निस्सियं च असुय निस्सियं च, से किं तं असुयनिस्सियं ? असुयनिस्सियं चउव्विहं पन्नत्तं तं जहा- | सुत्तं-९६ [९६] उप्पत्तिया वेणइया कम्मया पारिणामिया | बुद्धि चव्विहा वृत्ता पंचमा नोवल भई ।। [९७] पुव्वं अदिट्ठे असुयं अवेइय-तक्खणविसुद्धगहियत्था । अव्वाहय-फलजोगा बुद्धी उप्पत्तिया नाम ।। [९८] भरहसिल पणिय रुक्खे खुड्डग पड सरड काय उच्चारे । गय घयण गोल खंभे खुड्डग मग्गि-त्थि पड़ पुत्ते ।। [ ९९ ] भरहसिल मिंढ कुक्कुड तिल वालुय हत्थि अगड वनसंडे । पायस अइया पत्ते खाडहिला पंच पिअरो य ।। [१००] महुसित्थ-मुद्दि-अंके य नाणए - भिक्खु-चेडगनिहाणे । सिक्खा य अत्थसत्थे इच्छा य महं सयसहस्से || [१०१] भरनित्थरणसमत्था तिवग्गसुत्तत्थगहियपेयाला । उभओलोग फलवई विनयसमुत्था हवइ बुद्धी || [१०२] निमित्ते अत्थसत्थे य लेहे गणिए य कूव-अस्से य । गद्दभ-लक्खण-गंठी अगए रहिए य गणिया य ।। [१०३] सीया साडी दीहं च तणं अवसव्वयं च कुंचस्स । निव्वोदय य गोणे घोडगपडणं च रुक्खाओ ।। [१०४] उवओगदिट्ठसारा कम्मपसंगपरिघोलण-विसाला | साहुक्कारफलवई कम्मसमुत्था हवइ बुद्धी ।। [१०५] हेरण्णिए करिसए कोलिय डोए य मुत्ति - घय-पवए । तुण्णाग वड्ढइ पूइए य घड- चित्तकारे य ।। [१०६] अनुमान हेउ - दिट्ठत साहिया वयविवाग - परिणामा । हियनिस्सेयसफलवई बुद्धी परिणामिया नाम ।। [१०७] अभए सिट्ठि-कुमारे देवी उदिओदए हवइ राया । साहू य नंदिसेने धनदत्ते सावग-अमच्चे ।। [१०८] खमए अमच्चपुत्ते चाणक्के चेव थूलभद्दे य । नासिक्क-सुंदरीनंदे वइरे परिणामिया बुद्धी ।। [१०९] चलणाहण आमंडे मणी य सप्पे य खग्गि-भिंदे । परिणामिय बुद्धीए एवमाई उदाहरणा ।। [११०] से तं असुयनिस्सियं । [ दीपरत्नसागर संशोधितः ] [10] [४४-नंदीसूयं]

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