Book Title: Agam 44 Nandisuyam Padhama Chuliya Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 25
________________ से किं तं भावाणुन्ना? भावाणुन्ना तिविहा पन्नत्ता, तं जहा - लोइया कुप्पावयणिया अणुन्नानंदी-१ लोउत्तरिया | से किं तं लोइया भावाणुन्ना लोइया भावाणुन्ना से जहानामए राया इ वा जुवराया इ वा जाव तुट्ठे समाणे कस्सइ कोहाइभावं अनुजाणिज्जा से त्तं लोइया भावाणुन्ना । से किं तं कुप्पावयणिया भावान्ना कुप्पावयणिया भावाणुन्ना से जहानामए केइ आयरिए इ वा जाव कस्सइ कोहाइभावं अनुजाणिज्जा सेत्तं कुप्पावयणिया भावाणुन्ना । से किं तं लोउत्तरिया भावाणुन्ना लोउत्तरिया भावाणुन्ना से जहानामए आयरिए इ वा जाव कम्मि कारणे तुट्ठे समाणे कालोचियनाणाइगुण- जोगिणो विणीयस्स खमाइपहाणस्स सुसीलस्स सिस्सस्स तिविहेणं तिगरणविसुद्धेणं भावेणं आयारं वा सूयगडं वा ठाणं वा समवायं वा विवाहपन्नत्तिं वा नायाधम्मकहं वा उवासगदसाओ वा अंतगडदसाओ वा सव्वदव्वगुण-पज्जवेहिं सव्वाणुओगं वा अनुजाणिज्जा से त्तं लोउत्तरिया भावणुन्ना, से त्तं भावाणुन्ना । [२] किमणुन्ना कस्स ऽणुन्ना केवतिकालं पवत्तिया आदिकर पुरिमताले पवत्तिया उसभसेनस्स ।। ऽणुन्ना । [३] अणुन्ना उण्णमणी नमणी नामणी ठवणा पभवो पभावणं पयारो । तदुभय हिय मज्जाया नाओ मग्गो य कप्पो य ।। [४] संगह संवर निज्जर ठिइकरणं चेव जीववुढिपयं । पदपवरं चेव तहा वीसमणुन्ना नामाई || • नंदी सुत्ते पढमं परिसिहं "अणुन्ना नंदी' समत्ता • परिसिहं - २ जोगनंदी ० ० [१] नाणं पंचविहं पन्नत्तं तं आभिनिबोहियनाणं सुयनाणं ओहिनाणं मणपज्जवनाणं केवलनाणं, तत्थ णं चत्तारि नाणाई ठप्पाई ठवणिज्जाइं नो उद्दिस्संति नो समुद्दिस्संति नो अणुन्नविज्जंति, सुयनाणस्स पुण उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्तइ, जइ सुयनाणस्स उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्तइ किं अंगपविट्ठस्स उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अणुओगो य पवत्तइ ? किं अंगबाहिरस्स उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्तइ ? गोयमा ! अंगपविट्ठस्स वि उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पव्वत्तइ अंगबाहिरस्स वि उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्तइ । इमं पुण पट्ठवणं पडुच्च अंगबाहिरस्स उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्तइ, जइ पुण अंगबाहिरस्स उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्तइ किं कालियस्स उद्देसो समुद्देसो अन्ना अनुओगो य पवत्तइ उक्कालियस्स उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्तइ ? गोयमा ! कालियस्स वि उद्देसो जाव पवत्तइ, उक्कालियस्स वि उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्तइ । इमं पुण पट्ठवणं पडुच्च उक्कालियस्स उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्त, उक्कालियस्स उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्तइ किं आवस्सगस्स उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्तइ ? आवस्सगवइरित्तस्स उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्तइ ? आवस्सगस्स वि उद्देसो जाव पवत्तइ, आवस्सगवइरित्तस्स वि उद्देसो जाव पवत्तइ । जइ आवस्सगस्स उद्देसो समुद्देसो अणुन्ना अनुओगो य पवत्तइ, किं सामाइयस्स चउवीस[दीपरत्नसागर संशोधितः ] [४४-नंदीसूयं] [24]

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