Book Title: Agam 43 Mool 04 Uttaradhyayana Sutra ka Shailivaigyanik Adhyayana
Author(s): Amitpragyashreeji
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 268
________________ Jain Education International 2010_03 ग्रन्थ सूची क्रम ग्रंथ ९९. वाक्यपदीयम् (प्रथम भाग) लेखक, सम्पादक, अनुवादक भर्तृहरि, सं. डॉ. भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी सं. बलदेव उपाध्याय संस्करण द्वि.सं. १९७६ १००. वाक्यपदीयम् (द्वितीय भाग) १९६८ सन् १९५७ १९६० For Private & Personal Use Only प्रकाशक सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी चौखम्भा विद्या भवन, वाराणसी ज्ञानमंडल लिमिटेड, वाराणसी जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा, कोलकाता-१ दिव्यदर्शन कार्यालय, अहमदाबाद मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली वकील केशवलाल प्रेमचन्द, अहमदाबाद १०१. वाग्भटालंकार वाग्भट १०२. वाङ्गमयार्णव पं. रामावतार शर्मा १०३. विनीत अविनीत की चौपाई (भिक्षु आचार्य भिक्षु, ग्रन्थ रत्नाकार, खंड १) सं. आचार्यश्री तुलसी १०४. विशेषावश्यक भाष्य जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण १०५. वृत्त रत्नाकर श्री भट्टकेदारविरचित १०६. व्यवहारभाष्य टीका वीर सं. २४८९ तृ.सं. १९७२ सन् १९२६ १०७. शास्त्रीय समीक्षा के सिद्धांत १०८. शील की नवबाड़ अनु. वि. श्रीचन्द रामपुरिया गोविन्द त्रिगुणायत आचार्य भिक्षु, १९६१ जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा, कोलकाता-१ 251 www.jainelibrary.org

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