Book Title: Agam 43 Mool 04 Uttaradhyayana Sutra ka Shailivaigyanik Adhyayana
Author(s): Amitpragyashreeji
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 271
________________ 254 ____Jain Education International 2010_03 संस्करण वि.सं. २०१४ क्रम ग्रंथ १३०. साहित्य समालोचना १३१. साहित्यालोचन १३२. साहित्यिक निबन्ध लेखक, सम्पादक, अनुवादक डॉ. रामकुमार वर्मा डॉ. श्यामसुन्दर दास ले. डॉ. गणपतिचन्द्र गुप्त द्वि.सं. १९६२ प्रकाशक दिल्ली भवन, इलाहाबाद इण्डियन प्रेस प्रा. लिमि., प्रयाग अशोक प्रकाशन, नई सड़क, दिल्ली-६ आत्माराम एण्ड सन्स, दिल्ली भिक्षु संघरत्न सारनाथ, बनारस १३३. सिद्धान्त और अध्ययन १३४. सुत्तनिपात गुलाबराय अनु. भिक्षु धर्मरत्न For Private & Personal Use Only १९५४ प्रथम सं. ई. सन् १९५१ सन् १९७५ १३५. सूत्रकृतांग चूर्णि प्रथम श्रुतस्कंध १३६. सूत्रकृतांग हिन्दी टीका १३७. सौन्दरनन्दं महाकाव्यम् सन् १९१९ व्या. आचार्य जगदीशचन्द्र मिश्र प्र.सं. १९९१ उत्तराध्ययन का शैली-वैज्ञानिक अध्ययन प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, वाराणसी आगमोदय समिति, मुम्बई चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी सेठ माणकलाल चुन्नीलाल, अहमदाबाद कॉलेज बुक सेन्टर, जयपुर-३ १३८. स्थानांग टीका सन् १९३७ १३९. स्वप्नवासवदत्तम् . महाकवि भास www.jainelibrary.org

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