Book Title: Agam 43 Mool 04 Uttaradhyayan Sutra Ek Parishilan
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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लेखक परिचय
नाम : डॉ० सुदर्शन लाल जैन पद : प्रोफेसर एवं पूर्व विभागाध्यक्ष
संस्कृत विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय जन्मतिथि : ई०१.४.१९४४ जन्मस्थान : मंजला ग्राम, जिला सागर (मध्य प्रदेश) वंश एवं गोत्र:
दिगम्बर जैन, बड्कुल, गोहल्ल गोत्र शैक्षणिक योग्यता:
एम०ए० (संस्कृत), पी-एच०डी०, आचार्य (जैनदर्शन, प्राकृत एवं साहित्य), जैन न्यायतीर्थ, हिन्दी साहित्यरत्न
शिक्षण संस्थान:
जैन विद्यालय कटनी, मोराजी सागर, स्याद्वाद महाविद्यालय, पार्श्वनाथ विद्याश्रम
तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी प्रकाशित ग्रन्यादि:
ग्रन्थ लेखन- १. उत्तराध्ययनसूत्र : एक परिशीलन (उ०प्र० सरकार से पुरस्कृत), २. तर्क संग्रह, ३. संस्कृत प्रवेशिका, ४. प्राकृत दीपिका, ५. कर्पूरमञ्जरी, ६. देव, शास्त्र और गुरु (उ०प्र० सरकार से पुरस्कृत), ७. मुनिसुव्रतकाव्य हिन्दी अनुवाद (उ०प्र० सरकार से पुरस्कृत)। सम्पादन सहायक- कसायपाहड भाग १६, आचाराङ्गन्सूत्र एक परिशीलन, तीन अभिनन्दन ग्रन्थ। लेख- पचपन लेख प्रकाशित। सेमिनार- सेमिनारों का
आयोजन, निबन्ध-वाचन एवं अध्यक्षता। पदाधिकारीः विश्वविद्यालयों की कमेटियों के सदस्य
तथा जैन संस्थाओं के पदाधिकारी व सदस्य। मन्त्री, अ०भा०दि० जैन विद्वत्परिषद् । शैक्षणिक,सामाजिक,धार्मिक आदि कार्यों में सक्रिय योगदान।
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