Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 35
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsun Gyanmandir कप्पइ निग्गन्थीए ठाणाइयाएहोत्तए।२५ नो कप्पइ निग्गन्थीए पडिमट्ठाइयाए होत्तए।२६ नो कप्पइ निग्गन्थीए उक्कुडियासणियाए| होत्तए।२७ नो कप्पइ निग्गन्थीए नेसिज्जियाए होत्तए।२८ नो कप्पइ निग्गन्थीए वीरासणियाए होत्तए।२९। नो कप्पा निग्गन्थीए दण्डासणियाए होत्तए।३०। नो कप्पइ निग्गन्थीए लगण्डसाइयाए होत्तए।३१। नो कप्पइ निगन्थीए ओमंथियाए होत्तए।३२। नो कप्पइ निग्गन्थीए उत्ताणियाए होत्तए।३३। नो कप्पइ निग्गन्थीए अबखुजियाए होत्तए३४। नो कप्पइ निग्गन्थीए एगपासियाए होत्तए २८११३५। नो कप्पइ निग्गन्थीणं आउञ्चणपट्टगं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा॥३६॥ कप्पइ निगन्थाणं आउञ्चणपट्टगं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा३७ नो कप्पइ निग्गन्थीणं सावस्मयंसि आसणंसि चिट्ठित्तए वा निसीइत्तए वा आसइत्तए वा तुयट्टित्तए वा॥३८॥ कप्पइ निग्गन्थाणं सावस्सयंसि आसणंसि चिद्वित्तए वा निसीइत्तए वा आसइत्तए वा तुट्टित्तए वा३९१ नो कप्पइ निग्गन्थीणं सविसाणंसि फलगंसि वा पीढ़सि वा जाव तुयट्टित्तए वा४० कप्पड़ निग्गन्थाणं जाव तुयट्टित्तए वा '२८९।४१। नो कप्पड़ निग्गन्थीणं सवेण्टयं लाउयं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ४२। कप्पइ निग्गन्थाणं सवेण्टयं लाउयं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा २९०४३। नो कप्पइ निग्गन्थीणं सवेण्टया पायकेसरिया धारेत्तए वा पहिरत्तिए वा४४। कप्पइ निग्गन्ताणं सवेण्टया पायकेसरिया धारेत्तए वा पहिरत्तिए वा '२९१ १४५नो कप्पइ निग्गन्थीणं दारुदण्डयं पायपुञ्छणं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा॥४६॥ कप्पइ निग्गन्थाणं दारुदण्डयं पायपुञ्छणं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा २९२ '१४७१ नो कप्पइ निग्गंथण वा निग्गंथीण वा अनभनस्स ॥ श्री बृहत्कल्पसूत्रम् ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal

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