Book Title: Agam 32 Devindatthao Navamam Painnayam Mulam PDF File Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 7
________________ गाहा-६७ [६७] पिसाय भूया जक्खा य रक्खसा किन्नरा य किंपुरिसा । महोरगा य गंधव्वा अट्ठविहा वाणमंतरिया || [ ६८ ] एए उ समासेणं कहिया भे वाणमंतरा देवा । पत्तेयं पि य वोच्छं सोलस इंदे महिड्ढीए || [६९] काले य महाकाले सुरुवे पडिरुवे पुण्णभद्दे य । अमरवइ माणभद्दे भीमे य तहा महाभीमे || [७०] किन्नर किंपुरिसे खलु सप्पुरिसे खलु तहा महापुरिसे । अइकाय महाकाए गीयरई चेव गीयजसे || [७१] सन्निहिए सामाणे धाए विधाए इसी य इसिपाले । इस्सरे महिस्सरे या हवइ सुवच्छे विसाले य ।। [७२] हासे हासरई वि य सेए य तहा भवे महासे । पयए पययावई वि य नेयव्वा आनुपुव्वीए || [७३] उड्ढमहे तिरियंमि य वसहिं ओविंति वंतरा देवा । भवना पुन ह रयणप्पभाए उवरिल्लए कंडे || [७४] एक्केक्कम्मि य जुयले नियमा भवना वरा असंखेज्जा । संखिज्जवित्थडा पुन नवरं एतऽत्थ नाणत्तं || [ ७५ ] जंबुद्दीवसमा खलु उक्कोसेणं भवंति भवनवरा । खुद्दा खित्तसमाविय विदेहसमया य मज्झिमया || [७६] जहिं देवा वंतरिया वरतरुणीगीय - वाइयरवेणं । निच्चसुहिया पमुइया गयं वि कालं न याणंति ।। [७७] काले सुरुव पुण्णे भीमे तह किन्नरे य सप्पुरिसे । अइकाए गीयरई अठ्ठेव य हुंति दाहिणओ ।। [७८] मणि-कनग-रयण - थूभिय- जंबूनय - वेड्याइं भवनाई । एएसिं दाहिणओ सेसाणं उत्तरे पासे ।। [७९] दस वाससहस्साइं ठिई जहन्ना उ वंतरसुराणं । पलिओवमं तु एक्कं ठिई उ उक्कोसिया तेसिं ॥ [ ८० ] एसा वंतरियाणं भवनठिई वण्णिया समासेणं । सुण जोइसालयाणं आवासविहिं सुरवराणं ।। [८१] चंदा सूरा तारागणा य नक्खत्त गह गण समत्ता । पंचविहा जोइसिया ठिई वियारी य ते गणिया || [८२] अद्धकविट्ठग-संठाण-संठिया फालियामया रम्मा । जोइसियाण विमाणा तिरियं लोए असंखिज्जा ।। [८३] धरणियलाउ समाओ सत्तहिं नउएहिं जोयणसएहिं । हेट्ठिल्लो होइ तलो सूरो पुण अट्ठहिं सएहिं [दीपरत्नसागर-संशोधितः] [6] || [३२ | देविंदत्थओ]Page Navigation
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