Book Title: Agam 31 Chulika 01 Nandi Sutra Stahanakvasi Author(s): Devvachak, Madhukarmuni, Kamla Jain, Shreechand Surana Publisher: Agam Prakashan Samiti View full book textPage 6
________________ समर्पण जिनको साहित्य-सेवा अमर रहेगी, जिनके प्रकाण्ड पाण्डित्य के समक्ष जन जैमेतर विद्वान नतमस्तक होते थे, जो सरलता, शान्ति एवं संयम की प्रतिमूर्ति थे, भारत को राजधानी में जो अपने भव्य एवं दिव्य व्यक्तित्व के कारण 'भारतभूषणा' के गौरवमय विरुद से विभूषित किए गए, जिनके अगाध आगमज्ञान का लाभ मुझे भी प्राप्त करने का सद्भाग्य प्राप्त हुआ, उन विरिष्ठ शतावधानो मुनिश्रीरत्नचन्द्र जी महाराज के कर-कमलों में। -मधुकर मुनि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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