Book Title: Agam 30 mool 03 Uttaradhyayana Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni
Publisher: Padma Prakashan

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Page 710
________________ सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र लान्तक देवलोक के देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति चौदह सागरोपम की और जघन्य दस सागरोपम की होती है ॥ २२७ ॥ षट्त्रिंश अध्ययन [ 554] The maximum life-span of gods in Lantak kalp is fourteen Sagaropam and the minimum is ten Sagaropam. (227) सत्तरस सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे । महासुक्के जहनेणं, चउद्दस सागरोवमा ॥ २२८ ॥ महाशुक्र देवलोक के देवों की अधिकतम आयुस्थिति सत्रह सागरोपम की और न्यूनतम आयुस्थिति चौदह सागरोपम की होती है ॥ २२८ ॥ The maximum life-span of gods in Mahashukra kalp is seventeen Sagaropam and the minimum is fourteen Sagaropam. (228) अट्ठारस सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे । सहस्सारे जहन्नेणं, सत्तरस सागरोवमा ॥ २२९॥ सहस्रार देवलोक के देवों की अधिकतम आयुस्थिति अठारह सागरोपम की और न्यूनतम आयु स्थिति सत्रह सागरोपम की होती है ॥ २२९ ॥ The maximum life-span of gods in Sahasrar kalp is eighteen Sagaropam and the minimum is seventeen Sagaropam. (229) सागरा अउणवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । आणयम्मि जहन्नेणं, अट्ठारस सागरोवमा ॥ २३० ॥ आणत (आनत) देवलोक के देवों की अधिकतम आयुस्थिति उन्नीस (१९) सागरोपम की और न्यूनतम आयुस्थिति अठारह सागरोपम की होती है ॥ २३० ॥ The maximum life-span of gods in Anat kalp is nineteen Sagaropam and the minimum is eighteen Sagaropam. (230) वीसं तु सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे । पाणयम्मि जहन्नेणं, सागरा अउणवीसई ॥ २३१ ॥ प्राणत देवलोक के देवों की अधिकतम आयुस्थिति बीस सागरोपम की और न्यूनतम आयुस्थिति उन्नीस (१९) सागरोपम की है ॥ २३१ ॥ The maximum life-span of gods in Pranat kalp is twenty Sagaropam and the minimum is nineteen Sagaropam. (231) सागरा इक्कवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । आरणम्मि जहन्नेणं, वीसई सागरोवमा ॥ २३२ ॥ आरण स्वर्गलोक के देवों की अधिकतम आयुस्थिति इक्कीस सागरोपम की और न्यूनतम आयुस्थिति बीस सागरोपम की होती है ॥ २३२ ॥ The maximum life-span of gods in Aran kalp is twenty-one Sagaropam and the minimum is twenty Sagaropam. (232)

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