Book Title: Agam 29 Santharaga Painnagsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गाहा - (५२) ॥५२॥ ॥५३॥ ॥५४॥ ||५५1 |॥५६॥ ॥५७॥ ॥५८ ॥५९॥ ॥६०॥ पच्छा विते पयायाखिप्पं कार्हिति अप्पणो पत्यं । जे पच्छिमम्मि काले मरति संथारमारूढा (५३) नविकारणं तणमओ संथारो न वियफास्या भूमी। अप्पा खलु संथारो हबइ विसुद्धे चरितम्मि निच्चं पि तस्स भावुञ्जयस्सजस्य व जहि व संधारो। जो होइ अहक्खाओ विहारमझुट्टिओ लूहो (५५) यासारत्तभितरं चित्त-विचित्ताइ सुटु काऊणं। हेमंते संधारं आरुहइ सव्यसत्यासु (५६) आसीय पोयणपुरे अजा नामेण पुप्फचूल ति। तीसे धम्मायरिओ पविस्सुओ अभियापुत्तो सो गंगमुत्तरत्तोसहस्सा उस्सारिओ य नावाए। पडियन्त्र उत्तमट्ठ तेण वि आराहियं मरणं पंचमहव्वयकलिया पंचसया अझया सुपुरिसाणं। नयरम्मि कुंभकारे कडगम्मि निदेसिया तइया (५१) पंचसया एगणा यायम्मि पराजिएण रुष्टेण। जंतम्मिपावमइणा धुनो छोण कम्मेणं निम्म-मनिरहंकारा नियसरीरे वि अप्पडीबसा । तेवि तह छुञ्जमाणा पडिवन्ना उत्तम अटुं दंडोति विस्सुयजसो पडिमादसधारओ ठिओ पडिमं। जउणावके नयरे सरेहिं विद्धो सयंगीओ जिनवयणनिच्छिमई नियसरीरे वि अप्पडीबद्धो । सो वि तहविज्झमाणे पडिवन्नो उत्तिमं अटुं (६३) आसी सुकोसलरिसी चाउमासस्स पारणादिवसे । ओरुहमाणोउ नगा खइओ छायाई बग्घीए धीधणियबद्धकच्छो पञ्चक्खाणम्मि सुटु उयउत्तो। सो वि तहखनमाणोपडिवन्नो उत्तम अटुं (६५) उज्जेणीनयरीए अवंतिनामेण विस्सुओ आसी पाओवगमनिवन्नो सुसाणमन्झम्मि एगंते तिनिरयणीओ खइओ मल्लकीरुट्विया विकड्ढंती। सो वि तहसनमाणोपडियनो उत्तमं अहूँ जल्ल-मल-पंकधारी आहारो सीलसंजमगुणाणं | अजीरणो उ गीओ कत्तियअज्जो सरवणम्मि रोहिडगम्मिनपरे आहारं फासुयं गवेसंतो, कोवण खत्तिएणय भिन्नो सत्तिप्पहारेणं एगंतमनावाए विच्छिन्ने पंडिले चइअ देहं । सो वि तह भिन्नदेहो पडिवत्री उत्तमं अटुं ॥६ ॥ ॥ २॥ ॥३३॥ ॥६४॥ ॥६५॥ (६७) ||E७॥ (७८) ॥६८| IIE९॥ For Private And Personal Use Only

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