Book Title: Agam 29 Prakirnaka 06 Sanstarak Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

View full book text
Previous | Next

Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुकोसलरिसी चाउभ्मासस्स पारणादिवसे। ओरूहमाणो य नगा खइओ मायाइ वग्धीए ॥३॥धीधणियबद्धकच्छो पच्चक्खाणम्मि|| सुटु उउत्तो। सो तहवि खजमाणो पडि० ॥ ४॥ उज्जेणीनयरीए अवंतिनामेण विस्सुओ आसी पाओवगमनिवन्नो सुसाणमझम्मि एगते॥ ५॥ तिन्नि रयणीइ खइओ भाल्लुकी रुढ़िया विकडती। सोवि तह खज्जमाणो पडि० ॥६॥ जल्लमलपंकधारी आहारो सीलसंजमगुणाणी अजीरणो य गीओ कत्तिय अज्जो सुरवरंमि ॥७॥रोहीडगंमि नयरे आहारं फासुयं गवेसंतो। कोवेण खत्तिएणय भिन्नो सत्तिप्पहारेणं ॥८॥एगंतमणावाए विच्छिन्ने थंडिले चइय देहीसोऽवितह भिन्नदेहो पडि० ॥९॥पाडलिपुत्तमि पुरे चंदयगुत्तस्स चेव आसीयो नामेण धम्मसीहो चंदसिरिसो पयहिऊणं ॥७०॥ कुल्लरंमि पुरवरे अह सो अब्भुडिओ ठिओ धम्मे। कासीअ गिद्धपटुं| पच्चक्खाणं विगयसोगो॥१॥अह सोवि चत्तदेहो तिरिअसहस्सेहिं खजमाणो ओसोऽवि तह खजमाणोपडि०॥२॥पाडलिपुत्तंमि पुरे चाणक्को नाम विस्सुओ आसी।सव्वारं भनिअत्तो इंगिणिमरणं अह निवन्नो ॥३॥अणुलोमपूअणाए अह से सत्तू जओ डहइ देह। सो तहवि इज्झमाणो पडि० ॥४॥गुट्ठयपाओवगओ सुबंधुणा गोमये पलिवियंमिोडझंतो चाणक्को पडि०॥५॥काइंदीनयरीए राया नामेण अमयघोसुत्तिातो सो सुअस्सरजं दाऊणं इह चरे धम्म॥६॥आहिंडिऊण वसुहं सुत्तत्थविसारओ सुअरहस्सोकाइंदि चेव पुरि अह पत्तो विगयसोगो सो ॥७॥नामेण चंडवेगो अह से पडिछिंदइ त्यं देह। सो तहवि छिज्जमाणो पडिक्नो०॥८०॥कोसंबीनयरीए ललिअघडा नाम विस्सुआ आसी।पाओवगमनिवन्ना बत्तीस ते सुअरहस्सा ॥९॥जलमझे ओगाढा नईई पूरेण निम्भमसरीरातहवि ॥ ॥ श्री संस्तारक सूत्र ॥ | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23