Book Title: Agam 27 Chhed 04 Dashashrutskandh Sutra Dasao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
पज्जोसवणाकप्पो विइक्कंताई, पन्नट्ठि च, सेसं जहा मल्लिस्स ।। १४८. विमलस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स सोलस सागरोवमाइं
विइक्कंताई, पन्न४ि च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १४६. वासुपुज्जस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स छायालीसं सागरोव
माई विइक्कंताई, सेसं जहा मल्लिस्स । १५०. सेज्जंसस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे सागरोवमसए
विइक्कते, पन्नट्टि च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १५१. सीयलस्स णं अरहो कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगा सागरोवमकोडी
तिवास-अड्ढनवमासायि-बायालीसवाससहस्सेहिं ऊणिया विइक्कंता, एयम्मि समये वीरे निव्वुए। तओ वि य णं परं नव वाससयाई विइक्कताई, दसमस्स य
वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ॥ १५२. सुविहिस्स णं अरहओ पुप्फदंतस्स कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स सागर
कोडीओ विइक्कंताओ, सेसं जहा सीयलस्स। तं च इमं--तिवास-अद्धनवमासाहिय
बायालीसवाससहस्सेहिं ऊणिया विइक्कंता, इच्चाइ॥ १५३. चंदप्पहस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एग सागरोवम
कोडिसयं विइक्कतं, सेसं जहा सीतलस्स। तं च इमं-तिवास-अद्धनवमासाहिय
बायालीसवाससहस्सेहिं 'ऊणिया विइक्कता, इच्चाइ"। १५४. सुपासस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे सागरोवमकोडी
सहस्से विइक्कते, सेसं जहा सीयलस्स । तं च इम--तिवास-अद्धनवमासाडिय
बायालीसवाससहस्सेहिं ऊणिया विइक्कंता, इच्चाइ ॥ १५५. पउमप्पभस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स दससागरोवम
कोडिसहस्सा विइक्कता, सेसं जहा सीयलस्स–तिवास-अद्धनवमासाहिय
बायालीसवाससहस्सेहिं ऊणिया विइक्कंता, इच्चाइयं ।। १५६. सुमइस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे सागरोवमकोडिसय
सहस्से विइक्कते, सेसं जहा सीयलस्स-तिवास-अद्धनवमासाहिय-बायालीसवास
सहस्सेहिं ऊणिया विइक्कंता, इच्चाइयं ॥ १५७. अभिनंदणस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स दससागरोवमकोडी
सयसहस्सा विइक्कंता, सेसं जहा सीयलस्स-तिवास-अद्धनवमासाहिय-बायालीस
वाससहस्सेहिं ऊणिया विइक्कंता, इच्चाइयं ।। १५८. संभवस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स तीसं सागरोवमकोडि
सयसहस्सा विइक्कंता, सेसं जहा सीयलस्स--तिवास-अद्धनवमासाहिय-बायालीस
वाससहस्सेहिं ऊणिया विइक्कंता, इच्चाइयं ।। १. ऊणगमिच्चाई (क, ता); ऊणिगामिच्चाइ (पु)। २. वीसं (क, ता, पु) ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140