Book Title: Agam 19 Upang 08 Niryavalika Sutra Nirayavaliao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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१०४६
विद्धंसइत्ता-विमाण
.११६
विद्धंसइत्ता (विध्वस्य) प २८।६६
विभत (विभक्त) ज २११५,१३३ विद्धंसण (विध्वंसन) उ ११५१,५२,७६,७७ विभयमाण (विभजमान,रिभजत्) ज १११६,४७, विद्धंसित्तए (रिध्वंसितुम् ) उ ११५१,५२.७६,७७ ४१४२,७१,७७,६४,१६८,१८३,१८६,१६५, विद्धि (वृद्धि) ज ७:१८६१३
२६२ सू १६:१६ विधाउ (विधान) ५ २।४७१२
विभाग (विभाग) ज ३१३२ विधुय (विधुत) ज २११०,४।१६६
विभावणा (विभावना) २८१११२ विपुल (निपुल) ज १६६३८८,१०६
विभास (
विभाष ) विभासिज्जा ज ५१५५ विपुलतर (विपुलतः) ज ४११०२
विभासेज्जा ज १५७ विष्पजढ़ (विहीण) उ ११६०,६१
विभासियत्व (विभापितव्य) ज ५१४०,५७ ‘विप्पजह (वि । प्रहा ) विप्पजहति प ३६१६२ विभु (विभु) ज ५१५,४६ सू १५८
विभूइ (विभूति) ज ३।१२,७८,१८०,५१२२,२६ विष्पजहण (पिहाण) + ३६४१२
विभूति (विभूति) ज ३।२०६ विप्पजहिता (विप्रहाय) प ३६।१२
विभूसा (विभूषा) ज ३.१२,७८,१८०,२०६; विप्पडिवण (विप्रतिपन्न) उ ३।४७
५।२२,२६
विभूसिय (विभुषित) ज २१६६,१००,३१६,३५, विष्पमुक्क (विषमुक्त) प २१६४११,६,१६३१५
७८,१०६,२११,२२०;५११४,४१,४३,५८; ३६१८३१२ ज ३१२,८८,६२,११६:५७,
७/१७८ उ १७०७३।११०,४।१८:०१७ ५८ उ ३।१५६
विभेल (विभेल) उ ३३१२५,१३२,१३३,१४१,१४५ विष्परिणामइत्ता ( परिणम्) ग २८१२०,३२,६६
विमण (विमन) ज २६०,१०३,१०६,१०८ विष्पलायमाण (प्रलापयत् ) उ ३.१३०
उ ११३५ विष्पासित (विप्रोपित) सू २०१७
विमय (दे०) प ११४१।२ विष्पहय (वि.महत) उ ३३१३१,१३४
विमल (विमल) प २।३१,६४ ज ११३७, २०१५; विबुद्ध (विबुद्ध) ज ३।३।।
३६,१२,१८,७७,८१,८८,१०७,११७,१२४, विजोयण (३०) गु२०१७ उपधान
१५१,१७८,२२२; ४१३,२५,१२५,२०४११ विभल (विह्वल) ज २११३३
५१५,४६१३,५८,६२७१७८ २०८1८ विभंगअण्णाणपरिणाम (विभंग ज्ञानपरिणाम)
उ १११३८ प १३.१०
विमलवाहण (विमलवाहन) ज २१५६,६१ विभंगणाण (विभङ्गज्ञान) प ५१५.७, २६२,६, विमाण (विमान) ६ २११,४,१०,१३,४८ से ५२, १७,१६,३०१६
५६।२,२०५१ से ६३;७१२६१२२५:२११६२, विभंगणाणि (विभंगज्ञानिन्) १३।१०२,१०३;
६३,३३,१६,१७ ज २।१२०,३१३,११७; ५९९,१०७; १३११४,१७,१८१८४,२८११३७,
४।११५:५१३,५,१८,२२,२५,२६,२८,३०,३२, ३०।१६
४१,४३ से ४५,४६,५०,५२,५३,७१७८।१, विभंगनाण (विभंगज्ञान) प ३०२
१७६,१८४ से १९६ सूह।१,१८।२२ से २४; विभंगु (दे०) १।४२१२
२०१२ से ४ उ ३।६,७,१४,२५,८३,६०,१२०, विभज (दि--भज्) विभज्जइ ज २६५५
१५६,१६१,१६६,१७१४।५,२४,२८,५।२८, विभजिस्सइ ज २११५५
पमण (वि
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