Book Title: Agam 19 Nirayavaliyanam Uvangsutt 08 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 17
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १२ निरयावसियाणं-१/14 सगडवूह रएइरएत्ता सगडवूहेणं रहमुसलं संगामओयाए तएणं ते दोण्हविराईणं अणीया सण्णद्धजाय गहियाउह-पहरणा मगइतेहिं फलएहि निक्कट्ठाहिं असीहिं अंसागएहिं तोणेहिं सजीवेटिं धपूर्हि समुक्खित्तेहिं सरेहिं समुल्लालियाहिं डावाहि ओसारियाहिं ऊरुघंटाहिं छिप्पतूरेणं वजमाणेणं महया उक्किट्ठसीहनाय-बोलकलकलरवेणं समुद्दरवमूर्य पिद करेमाणा सब्बिड्डीए जाव दुंदुहिणिग्घोसणाइयरवेणं हयगया हयगएहिं गयगया गयगएहि रहगया रएगएहिं पायत्तिया पायत्तिएहि अण्णमण्णेहि सद्धि संपलग्गा याचि होत्या तए णं ते दोण्हवि राईणं अणीया नियगसामीसाणाणुरत्ता महया जणक्खयं जणवहं जणप्पमदं जणसंयट्टकप्पं नसतकबंधकरभीमं रुहिरकद्दमं करेमाणा अण्णमण्णणं सद्धिं जुज्झंति तएणं से काले कुमारे तिर्हि दंतिसहस्सेहिं जाय तिहिं मणुस्सकोडीहिं गरुलबहेणं एक्कासमेणं खंघेणं कूणिएणं रण्णा सर्द्धि रहमुसलं संगामं संगामेमाणे हयमहिय-पवरवीरघाइय-निवडियचिंघज्झयपड़ागे जहा पगवया कालीए देवीए परिकहियं जाव जीवियाओ ववरोवेइ तं एवं खलु गोयमा काले कुमारे एरिसएहिं आरंभेहिं जाव परिसएणं असुभकडकम्मपदमारेणं कालमासे कालं किया चउत्थीए पंकप्पपाए पुढवीए हेमामे नरए जाव नेरइएसुनेरइयत्ताएउववण्णे |1८1-18 (११) काले णं भंते कुमारे चउत्पीओ पुढपीओ अनंतरं उव्याहिता कहिं गछिहिइ कहि उववञ्जिहिइ गोयमा महाविदेहे यासे जाइंकुलाई भयंति अढाई जहा दढपइण्णो जाव सिज्झिहिइ बुझिहिइ [मुचिहिइ परिणिव्याहिइ सव्वदुक्काणं मंतं काहिंइ) तं एवं खलु जंबू सपणेमं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं निरयावलियाणं पदमस्स अज्झयणस्सअयमढे पाते तिबेमि।१९।-19 .पठम अमयपर्ण समतं. बित्तीयं अज्झयणं-सुकालं | (२०) जइ णं भंते समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं निरपावलियाणं पढपस्स अज्झयणस्स अयमद्वे पन्नत्तेदोच्चस्सणं भंते अज्झयणस्स निरयावलियाणं समगेणंभगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं के अड्डे पत्रत्ते एवं खलु जंबू तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नामं नयरी होत्था पुत्रभद्दे चेइए कूणिए राया पउमावई देवी तत्थ णं चंपाए नयरीएं सेणियस्स रण्णो मजा कूणियस्स रण्णो चुल्लमाउया सुकाली नामं देवी होत्या सूमाला तीसे णं सुकालीए देवीए पुत्तेसुकाले नाम कुमारे होत्या-सुकुमाले तए णं से सुकाले कुमारे अण्णया कयाइ तिहिं दंतिसहस्सेहिं जहा कालो कुमारो निरवसेसंतंचेव भाणियब्वंजावमहाविदेहे वासे अंतं काहिइ।२०-१1-20-1 वित्तीपं अज्जपणं समत ३-१० अझयणाणि (२१) एवं सेसावि अह अज्झयणा नेयव्या पढमसरिसा नवरं मायाओ सरिसनामाओ निरयावलियाणं समत्तं, निक्लेवोसव्यासिं भाणियच्यो।२०।-20 १-१० अज्यपणाणि सफ्तानि १९ निरयावलिया समत्ता अट्टमं उवंगं समत्तं For Private And Personal Use Only

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