Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra
Author(s): A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 479
________________ काल-मान ज. प. (दि.) १३, जं.प. (दि.१५, Jain Education International क्रमिक संख्या ३१-१. २ अनु. सू. पृ. ३४२-४३ ज्यो. क. 5-10, २६-३१, ६२-७१ क्रमिक संख्या ज.प.(श्वे.). १५-१० २ अनु. सू. १. ज्यो.क. 10, २६-३१, ६२-७॥ १ समय २ श्रावली कमल समय पावली मानप्राण स्तोक समय उच्छवास-निःश्वास स्तोक लव नालिका ४ास्तोक ५ लव ६ नाली लव मुहूर्त अहोरात्र अहोरात्र पांग पद्म नलिनांग नलिन कमलांग कमल, त्रुटितांग श्रुटित अटटांग घटद श्रममांग श्रमम उत्पलांग महाकमलांग उत्पल महाकाल पांग कुमुदांग पद्म नलिनांग महाकुमुदांग नलिन महाकुमुद अस्थिनेपुरांग श्रुटितांग अस्थिनेपुर श्रुटित आउअंग (अयुतांग) महात्रुटिवांग आउ (अयुत) महात्रुटिव . . अडडांग ८ दिवस पक्ष मास पक्ष or 9 weet For Private & Personal Use Only मास संवत्सर | पूर्वाग नयुतांग ऋतु अयन संवत्सर युग वर्षशत वर्षसहन वर्षशतसहस्र पूर्वांग नयूत १४ दशवर्ष प्रयतारा १५ | वर्षशत प्रयुत १६ वर्षसहन हूहूचंग दशवर्षसहस्र वर्षशवसहस्र ४२ लतांग लता महालतांग महालता नलिनांग नलिन महानलिनांग महानलिन पद्मांग पद्म महापांग महापद्म | कमलांग श्रुटितांग महाभडांग महाभडड चूलितांग ऊहांग चूलित शीर्षप्रहेलिकांग | महाउहांग शीर्षप्रहेलिका महाऊह शीर्षप्रहेलिकांग शीर्षप्रहेलिका |४४ हाटत अडडांग लतांग लता महालतांग महालता शीर्षप्रकंपित हस्तप्रहेलित अचलात्म ४७ www.jainelibrary.org नयतारा ४८ नयुत २५ | कुमुदांग अववांग अवव हुभंग

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