Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 260
________________ 220 [उपासकदशांगसूत्र सूत्र 6, 10, 63, 64, 65, 69, 70, 73, 76, 79, 88, 92, 96 10, 88, 120, 178, 212, 222 237, 267 16-42, 235 वीरिय वीस 73 238 89, 122, 168, 272 218 218, 219 4, 17, 125, 160, 165, 182, 204, 232, 269 86, 96, 98,103, 108 222 वृत्त वेणि शब्द सूत्र शब्द विइज्जिया 227 /विहर विउल 66, 72, 76, 200 विउव्व 94, 101,107, 111,116 विहार विकड्डमाण 246, 254, 260 विक्खिर 200 विहि विगय 94, 95 विघाय विणय 67, 87, 118, 176, 205, 262 वीस विणस्समाण Vवुच्च विणिग्गय वुड्डि विणिच्छिय 181 विष्णवणा विष्णाण 219 वेग वित्ति 58, 184 वेगच्छ विदरिसण 146 वेढे विदेह 90, 123, 149, 156, 164 /विपरिणाम 101,111, 222 वेयण Vविप्पइर 160, 163 वेयणा -विप्पजह 101, 107, 111 वेरमण 218 वेस विमल वेहास विमाण 62,89, 122, 149, 156, 164 वोच्छेय 179, 230, 268, 272, 274 / वियड 107 सइय विरइय 206 सकस विराइय सक्क विरुद्ध सक्का विलुप्पमाण Vसक्कारे विलेवण सगड विवर सग्ग विवाद संकप्प विवाह 48 संका विस 51,107, 109, 238, 239 संकिय विसाण 219 संख विसुज्झमाण 74 संखवण 107, 109 107 184 100 45, 46, 47, 52, 66, 95 10, 114, 190, 208 102, 105 45 विप्पणट्ठ 101 सइ 232, 235 111, 117, 175 20 95, 246 44 86,172 114 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276