Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 60
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandie |समणोवासयस्स बहूहिं सीलव्वयगुण जाव भावमाणस्स चोइस संवच्छराई वइक्वन्ताई तहेव जेतुं पुत्तं ठवेइ धम्मपण्णत्ति० वीसं वासाइं|| परियागं नाणित्तं अरूणगवे विमाणे उववाओ महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ०, निक्खेवो ॥५५॥ नन्दिणीपियझयणं ९॥ दसमस्स उक्खेवो, एवं खलु जम्बू! तेणं कालेणं० सावत्थी नयरी कोट्ठए चेइए जियसत्तू राया, तत्थ णं सावत्थीए नयरीए सालिहीपिया नाम गाहावई परिवसइ अड्डे दित्ते० चत्तारि हिरण्णकोडीओ निहाणपउत्ताओ चत्तारि हिरण्णकोडीओ वुड्डिपउत्ताओ चत्तारि हिरण्णकोडीओ पवित्थरपउत्ताओ चत्तारि क्या दसगोसाहस्सिएणं वएणं फग्गुणी भारिया सामी समोसढे जहा आणन्दो तहेव गिहिधम्म पडिजइ, जहा कामदेवो तहा जेटुं पुत्तं ठवेत्ता पोसहसालाए समणस्स भगवओ महावीरस्स धम्मपण्णतिं उवसम्पज्जित्ताणं विहरइ, नवरं निरुवसागओ एक्कारसविउवासगपडिमाओ तहेव भाणियव्वाओ एवं कामदेवगमेणं नेयव्वं जाव सोहम्मे कप्पे अरूणकीले विमाणे देवत्ताए उववन्ने चत्तारि पलिओक्माई ठिई महाविदेहे वासे सिझिहिइ० ॥५६॥ दसण्हवि पणरसमे संवच्छरे वट्टमाणाणं चिन्तादसण्हवि वीसं वासाई समणोवासयपरियाओ।एवं खलु जम्बू! समणेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स अङ्गस्स उवासगदसाणं दसमस्स अझयणस्स अयमढे पण्णत्ते ॥५७॥वाणियगामे चम्पा दुवे य वाणरसीइ नयरीए।आलंभियाय पुरवरी कम्पिल्लपुरं च बोद्धव्वं॥२॥ || पोलासं रायगिहं सावत्थीए पुरीए दोन्नि भवे । एए उवासगाणं नया खलु होन्ति बोद्वव्वा॥ ३॥ सिवनन्द-भद्द-सामा-धन्न-बहुलपूस-अग्गिमित्ता योरेवइ-अस्सिणि तह फग्गुणी य भजाण नामाई ॥४॥ओहिण्णाण-पिसाए माया वाहि-धण-उत्तरिज्ने यो भज्जा ॥उपासकदशांग सूत्र | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal

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