Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
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||तुमं देवाणुप्पिया! एयस्स ठाणस्स आलोएहि जाव पडिवजाहि, तए णं से महासयए समणोवासए भगवओ गोयमस्स तहत्ति एयमटुं| विणएणं पडिसुणेइ त्ता तस्स ठाणस्स आलोयइ जाव आहारिहं च पायच्छित्तं पडिवजइ, तए णं से भगवं गोयमे महासयगस्स समणोवासयस अन्तियाओ पडिणिक्खमइत्ता रायगिहं नगरं मझमझेणं निग्गच्छइत्ता जेणेवसमणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ त्ता समणं भगवं महावीरं वन्दइ नमसइ त्ता सञ्जमेणं तवसा अपाणं भावेमाणे विहरइ, तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नया कयाई रायगिहाओ नयराओ पडिणिक्खमइ त्ता बहिया जणवयविहारं विहरइ॥५३॥ तए णं से महासयए समणोवासए बहूहिं सील जाव भावेत्ता वीसं वासाई समणोवासगपरियायं पाउणित एकारस उवासगपडिमाओ सम्मं कारणं फासित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसित्ता सहिं भत्ताई अणसणाए छेदेत्ता आलोइयपडिकन्ते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कथ्ये अरूणवडिंसए विमाणे देवत्ताए उववन्ने चत्तारि पलिओवभाई ठिई महाविदेहे वासे सिन्झिहिइ० । निक्खेखो । ५८॥ महासयगझ्यणं ८॥
नवमस्स उक्खेवओ, एवं खलु जम्बू! तेणं कालेणं० सावत्थी नयरी कोट्ठए चेइए जियसत्तू राया, तत्थ णं सावत्थीए नयरीए नन्दिणीपिया नामं गाहावई परिवसई अड्डे० चत्तारि हिरण्णकोडीओ निहाणपउत्ताओ चत्तारि हिरण्णकोडीओ बुड्डिएउत्ताओ चत्तारि हिरण्णकोडीओ पवित्थरपउत्ताओ चत्तारि क्या दसगोसाहस्सिएणं वएणं अस्सिणी भारिया सामी समोसढे जहा आणन्दो तहेव गिहिधम्म पडिवजइ, सामी बहिया विहरइ, त५ णं से नन्दिणीपिया सभणोवासए जाए जाव विहरइ, तए णं तस्स नन्दिणीपियस्स ॥ उपासकदशांगं सूत्र
| पू. सागरजी म. संशोधित ||
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