Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Prakrit Vidya Mandal Ahmedabad

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Page 65
________________ नवमे नन्दिणीपिया अज्झयणे । ।उक्खेवो॥ एवं खलु, जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समपणं सावत्थी मयरी । कोहए चेहए । जियसत्तू राया ॥२६॥ .. तत्थ णं सावत्थीए नयरोए नन्दिणीपिया नाम गाहावई परिवसइ अड्ढे । चनारि हिरण्णकोडीओ निहाणपउत्ताओ, चतार हिरण्णकोडोओ वढिपउत्ताओ, चत्तारि हिरण्णकोडीओ पवित्थरपउत्ताओ, बत्तारि वया दसगोसाहस्लिपणं वएणं । अस्सिणी भारिया ॥२६॥ सामो समोसढे । जहा आणन्दो तहेव गिहिधम्म पडिवज्जइ । सामी बहिया विहरइ ॥२६९॥ तए णं से नन्दिणीपिया समणावासए जाए जाव विहरइ ॥२७०॥ तए णं तस्स नन्दिणोपियस्स समणोवासयस्स बहूहिं सोलन्वयगुण जाव भावेमाणस्स चोद्दस संवच्छराई वीइ. ककन्ताइ । तहेव जेडं पुतं ठवेइ । धम्मपण्णत्ति । वीस वासाई परियागं । नाणतं-अरुणावे विमाणे उववाओ। महाविदेहे वासे लिज्झिहिइ ॥ २७१॥ ॥निक्खेवो। नवम नन्दिणीपियऽज्झयणं समत्तं ॥ दसमे सालिहीपिया अज्झयणे । ॥ उक्खेवो ॥ एवं खलु, जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी नयरी । कोहए चेइए । जियमत्तू गया ।। २७२ ॥ तत्थ पं सावत्थीए नयरीए सालिहीपिया नाम गाहावई परिवसइ अइढे, दित्ते । चत्तारि हिरण्णकोडीओ निहाण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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