Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission
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भगवई सुत्त
एएसि णं भंते! पोग्गलाणं अणासाइज्जमाणाणं अफासाइज्जमाणाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुवा वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा ! सव्वत्थोवा पोग्गला अणासाइज्जमाणा, अफासाइज्जमाणा अणंत- गुणा ।
बेइंदिया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गिण्हंति, ते णं तेसिं पोग्गला कीसत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति ?
गोयमा ! जिब्भिंदिय-फासिंदिय वेमायत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमति ।
बेइंदियाणं भंते ! पुव्वाहारिया पोग्गला परिणया ? तहेव जाव णो अचलियं कम्मं णिज्जरेंति। तेइंदिय-चउरिंदियाणं तहेव । णाणत्तं ठिईए जाव णेगाई च णं भागसहस्साइं अणाघाइज्जमाणाइं अणासाइज्जमाणाइं अफासाइज्जमाणाइं विद्धंसं आगच्छंति ।
एएसिं णं भंते ! पोग्गलाणं अणाघाइज्जमाणाणं अणासाइज्जमाणाणं अफासाइज्जमाणाणं अप्पाबहुं पुच्छा ।
गोयमा ! सव्वत्थोवा पोग्गला अणाघाइज्जमाणा, अणासाइज्जमाणा अणंतगुणा, अफासाइज्जमाणा अणंतगुणा ।
तेइंदियाणं-घाणिंदिय जिंंभदिय फासिंदियवेमायाए भुज्जो भुज्जो परिणमंति । चउरिंदियाणंचक्खिंदिय घाणिंदिय जिंभदिय फासिंदियत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमति ।
पंचिंदिय तिरिक्खजोणियाणं ठिई भणिऊणं उस्सासो वेमायाए । आहारो अणाभोगणिव्वत्तिओ अणुसमयं अविरहिओ। आभोगणिव्वत्तिओ जहण्णेणं अंतोमुहुत्तस्स, उक्कोसेणं छट्ठभत्तस्स । सेसं जहा चउरिंदियाणं जाव णो अचलियं कम्मं णिज्जरेंति ।
एवं मणुस्साणं वि, णवरं आभोगणिव्वत्तिए जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अट्ठमभत्तस्स, सोइंदिय जाव फासिंदिय वेमायत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति, सेसं जहा चउरिंदियाणं तहेव जाव णिज्जरेंति ।
वाणमंतराणं ठिईए णाणत्तं, अवसेसं जहा णागकुमाराणं । एवं जोइसियाण वि, णवरं उस्सासो जहण्णेणं मुहुत्तपुहुत्तस्स, उक्कोसेण वि मुहुत्तपुहुत्तस्स । आहारो जहणणेणं दिवस पुहुत्तस्स, उक्कोसेण वि दिवसपुहुत्तस्स, सेसं तहेव ।
वेमाणियाणं ठिई भाणियव्वा ओहिया, उस्सासो जहण्णेणं मुहुत्तपुहुत्तस्स, उक्कोसेणं तेत्तीसाए पक्खाणं, आहारो आभोगणिव्वत्तिओ जहण्णेणं दिवसपुहुत्तस्स, उक्कोसेणं तेत्तीसाए वाससहस्साणं, सेसं तहेव जाव णो अचलियं कम्मं णिज्जरेंति ।
जीवाणं भंते! किं आयारंभा, परारंभा, तदुभयारंभा, अणारंभा ?

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