Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 01 Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 14
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नाणाघोसा नाणावंजणा विगयपक्खस्सा९ । नेरइयाणं भंते! केवइकालं ठिई पं०?, गोयमा! जहन्त्रेणं दस वाससहस्साई उक्कोसेणं|| तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई ५०, नेरइयाणं भंते! केवइकालस्स आणभंति वा पाणभंति वा ऊससंति वा णिससंति वा?, जहा ऊसासपए, नरइया णं भंते! आहारट्ठी ?, जहा पनवणाए पढमए आहारु हेसए तहा भाणियव्वं ठिई उस्मासाहारे किं वाऽऽहारेंति ३६ सवओ वावि ३७कतिभागं ? ३८ सव्वाणि व ३९ कीस व भुज्जो परिणमंति? ॥२॥१० नेरइयाणं भंते ! किं पुन्वाहारिया पोग्गला परिणया? | आहारिया आहरिजमाणा पोग्गला परिणया ? अणाहारिया आहारिजिस्समाणा पोग्गला परिणया?,अणाहारिया अणाहारिजिसमाणा पोग्गला परिणया?, गोयमा! नेइयाणं पुव्वाहारिया पोग्गला परिणया आहारिया आहारिजभाणा पोग्गला परिणया परिणमंति य अणाहारिया आहारिजिसमाणा पोग्गला नो परिणया परिणमिस्संति अणाहारिया अणाहारिजिसमाणा पोग्गला नो परिणता ण परिणमिस्संति ।११। नेइयाणं भंते ! पुव्वाहारिया पोग्गला चिया पुच्छा, जहा परिणया तहा चियावि, एवं उवच्यिा उदीरिया वेइया निजिना, परिणय चिया उवचिय उदीरिया वेइया य निजिन्ना । एकेकंमि पहंमि चव्विहा पोग्गला होति ॥३॥१२॥ नेरइयाणं भंते! कइविहा पोग्गला भिजति ?, गोयमा! कम्मदव्वग्गणमहिकिच्च दुविहा पोग्गला भिजति, तं० -अणु चेव बायरा चेव, नेरइयाणं भंते ! कतिविहा पोग्गला चिजति?, गोयमा! आहारदव्व्वग्गणमहिकिच्च दुविहा पोग्गला चिजति,०-अणूचेव बायरा चेव, एवं उवविज्जति, नेर० के०पो० उदीति?, गोयमा! कम्मदव्ववग्गणमहिकिच्च दुविहे पोग्गले उदीरेंति, तं०-अणू चेव बायरा चेव, सेसावि ॥ ॥ श्रीभगवती सूत्र॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only

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