Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 01 Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
View full book text ________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥
भाग-१ णमो अर( रि, रु पा० ) हताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवझायाणं णमो( लोए पा० सव्वसाहूणं । १ । णमो बंभीए लिवीए।२रायगिह चलण १ दुक्खे २ कंखएओसे ३ य पगइ ४ पुढवीओ५ जावंते ६ ने२३ए ७ बाले ८गुरुए ९ य चलाओ १०॥१॥ नमो सुयस्स ३। तेणं कालेणं तेणं सभएणं रायगिहे नाभं नथरे होत्था, वण्णओ, तस्स णं रायगिहस्स नगरस बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए गुणसिलए नामं चेहए होत्था, सेणिए राया, चेलणा देवी ४ तेणं काले तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे सहसंबुद्धे पुरिसुत्तमे पुरिससीहे पुरिसवरपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थी लोगुत्तमे लोगनाहे (प्र० लोगहिए), लोगप्पदीवे लोगपज्जोयगरे अभयदए चक्खुदए मम्गदए सरणदए (५० बोहिदा धम्मदए) धम्मदेसाए (धमनायगे प्र०) धम्मसारहीए धम्मवरचाउरंतचभवट्टी अप्पडिहयवरनाणदंसणधरे वियद्वच्छउमे जिणे जाण (५०)५० बुद्धे बोहए भुत्ते भोयए सव्वत्रू सव्वदरिसी सिवमयलमायमणंतमक्खयमव्याबाहमपुणरावतयं सिद्धिगइनामधेयं ठाणं संपाविउकामे जाव समोसरणं ।५ । परिसा निग्गया,
॥श्रीभगवती सूत्रं ॥
| पू. सागरजी म. संशोधित
For Private And Personal Use Only
Loading... Page Navigation 1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 300