Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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ભવિષ્યકાલકે બારહ ચકવર્નિયકે નામકા કથન
शहाथ-(बारस चक्कवटिणो भविसंति) द्वादश चक्रवर्तिनो भविष्यन्तिमार थपति या थशे, (वारस चक्कवहिपियरो भविस्संति) द्वादश चक्रवर्ति पितरो भविष्यन्ति-मार थपतियाना मार पिता थशे. (बारस चक्कपट्टिमायरों भविस्संति) द्वादश चक्रवत्तिमातरो भविष्यन्ति-यपति यानी मा२ माता। 20. (वारसइत्थीरयणा भविस्संति) द्वादशस्त्रीरत्नानि भविष्यन्ति-मा२ स्त्रीरत्ने। यशे, (नव बलदेववासुदेवपियरो भविस्संति) नव बलदेववासुदेवपितरो भवि. ष्यति-न५ महेवा भने नव वासुदेवाना नव पिता यश. (नव वासुदेवमायरो भविस्संति, नव बलदेवमायरो भविस्संति) नव वासुदेव मातरो भविष्यन्ति, नवबलदेवमातरो भविष्यन्ति-नव वासुदेवानी न4 भाता। थो भने न महेवानी न माता थशे. (नवदसारमंडला भविस्संति) नवदशाहमण्डलानि
भविष्यन्ति-नष शाम 4.(तं जहा) तद्यथा-(उत्तमपुरिसा, मज्झिमपुरिसा, पहाणपुरिसा, जाव दुवे दुवे रामकेसवा भायरो भविस्संति ) उत्तमपुरुषाः मध्यमपुरुषाःप्रधानपुरुषाः यावद् द्वौ द्वौ राम के शवो भ्रातरौ भविष्यन्ति- पहाना मथ' २१3भा सूत्रमा मापी हीधा छे. मी त्यो भने भविष्यजनी अपेक्षा सभा नये. (णव पडिसत्तू भविस्संति) नव प्रतिशत्रवो भविष्यन्ति-ते वासुदेवाना प्रतिशत्रु न१ प्रतिवासुदेव। थशे. (नव युवभवणामधेजा) नव पूर्वभवनामधेयानि-तमना भूलना न नाम डश. (नव धम्मायरिया) नव धर्माचार्या:-तमना नप धाया थशे, (नव नियाणभूमीओ) नव निदानभूमयः-तेमनी न नहानभूमियो शे. (नव नियाण कारणा) नवनिदान कारणानि-नियाना न ४१२। शे. (आयाए एरवए) आदाय ऐरवतम्-ते। अतक्षेत्रमा (आगमिस्साए-आगमिष्य. त्याम-भाभी safelmwi थरी येम (भाणियव्वा) भणितव्यानि--
શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર
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