Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 02
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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गाथा
संजमकरणुज्जोया...[बृहत्कल्प० ६४८५ ] जइ तवसा वोदाणं .....[
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सामन्नाउ विसेसो [विशेषाव० ३४ ]
केवइकाणं भंते ! चमरचंचा ....[
चउवीसइं मुहुत्ता १....[ बृहत्सं० एगसमओ जहन्नं .....[ बृहत्सं० मोत्तूण सगमबाहं पढमाए.... [ कर्मप्र० ] नेरइए णं भंते ? नेरइएसु
स्थानाङ्गसूत्रटीकायामुद्धृतानां साक्षिपाठानां सूचि:
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[भगवती० ४।९।१] निरइसुरअसंखाऊ .....[ अवसेसा सोवक्कम परिणामो ह्यर्थान्तरगमनं .....[ 1 ओदइय खओवसमिए उवसमसेढी एक्को [
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गाथा
उवसमिए २ खइए वि य ..... [
सम्म १ चरित्ते २ पढमे ..... [
चउनाण ४ ऽन्नाणतियं ३..... [
चउगइ ४ चउक्कसाया ४ [
पंचमम्मिय भावे जीव ..... [
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उच्चारं पासवणं .....[
वोसिरइ मत्तगे जइ तो
६४५
संजमजोगे अब्भुट्ठियस्स [आव० नि० ६।८२] ६४५ खेलं सिंघाणं वा .....[ ६४५गमणागमण विहारे सुत्ते [आव० नि० १५४७] ६४७ आउलमाउलाए .....[आव० सू०]
६४७
६४७ पाणवह - मुसावाए
[ आव० नि० १५५२ ]
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