Book Title: Adinath Ballila Author(s): Shilchandrasuri Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 5
________________ जुलाई-२००७ कारेलां कंकोडां भेलि, रायडोडी डोडी छोलि, कोलानी काचरि वलि काकडी कुंलि // 43 / / काकडी र करमदां, सुंठि खाखटी में कोठेवडां, काचरी तेलस्युं तलि विवेंके करी // 44 // शांगरी कडानि फलि, लांबलियां तलि कातलि, सुकवण्य शवेमां आंबलि भलि // 45 // नार्यगां करणां जंबिरां, लेंबू शदाफल बिजोरां, करमख राइ आंबलां कीधां छि खरां // 46 // करंबो करें वास्यो, सथरो दहेमां प्रीस्यो, घोलुआमां जिरालुंण मुंकीय प्रीसुं // 47 / / शोना केरी झारि भरी, नीरमल नीर गलि, चलु देवरावें माडी आणंद भरी // 48 // पुप्फ फल तणी बीडी, काथा रंगस्युअ भीडी, मुखशोझ करो भणे मावडी // 49 / / लवेंग एलचि सार, जावंतरी में जायफल, तज तमाल मांहि बराश सार / / 50 / / ढोलिओ छप्परघाट, हीरनी दोरीनो खाट, शोनानी शांकलें बांधि जडीत खाट // 51 / / शखर तलाइ खाट, ओशीसानी नवि भाति, गाल मसुरीए तमे पोढो जी नाथ // 52 / / पोढी करी उठ्या राय, चोराशी लख्ख पुरव आय, ___ पांचवें धनुष काय त्रिलोक्य राय / / 5 / / अजोध्या नगरीनो धणी, नरनारी बेहुं भणी, चीरंजिवो तमो आदिनाथ धणी // 54 / / इती श्री आदिनाथनी बाललीला समाप्तं // सुखडी लखी छे / पत्र 2/2 मां छेवटे-संवत् 1841 वर्षे पोस वदि 13 दिने लिषीतं मेंसांणानगरे / श्री पार्श्वनाथप्रसादात् // थ // 52 // Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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