Book Title: Adhyatmasara
Author(s): Yashovijay Upadhyay, Bhadrankarvijay
Publisher: Bhuvan Bhadrankar Sahitya Prachar Kendra

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Page 610
________________ २१४ अध्यात्मसार 24 ॥५७४॥ २१३ धर्भः धर्मः स्वोकार स्वीकार विचारणान्तः विचारणातः सादिमिः मादिमिः दोनि दीनि वाक्यम वाक्यम् सर्वक सर्वक पदार्थ पदार्थ न्यार्थ । न्यथार्थ तृणां तणां न जायते जायते दुखो भवा भव पर्याय निष्क्रय निष्क्रिय विशेषे विशेषण २२४ २२५ सम्यद्धा सम्बद्धा सम्भवः सम्भवः स्यादी स्यादि हिंसका हिसका वतीं वर्ती ब्रजा व्रता मात्मा मात्मा काल्पनिको काम्पनिकी नित निक भवेपु भवेषु महिसव अहिंसव सन्य तज्जन्य सम्का सम्यक द्या केन्सल नयोः नयो पदाना पदानां रुपता रूपता कीर्ति कीर्तिता २०९ ११ पर्याय २३१ २३४ ॥५७४॥ किमर्थः किमर्थ Jain Education Interati Far Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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