Book Title: Adhyatmasara
Author(s): Yashovijay Upadhyay, Bhadrankarvijay
Publisher: Bhuvan Bhadrankar Sahitya Prachar Kendra

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Page 613
________________ दृष्टान्तः योगया दृष्टान्त राद्र तया बध्यात्मसारा बह्यर्थ बह्वर्थ ॥५७७॥ योग्या तता ध्याये दुःखेन दुःखेषू प्रतिष्ठा स्थिरता छन অর্থ माक्षयोः देनवम् धम याने ध्यान ति धात्र दुनिग्रह ३५६ ध्याये दुखेन दुखेषू प्रतिष्ठा स्थिरता छहम स्वम पथम R मोक्षयोः देवनम् धर्म ध्याने ध्यानं मति ध्यात्र दुर्निग्रहं सर्व स्त्रीभिः M0.16 शुद्ध .. ANGANW प्रथम फलं शुद्ध मित्रं माध्य वत्त्वा मित्र भाध्य कत्वा भदो स्रीभिः भंद ग्यो ४०४ ४०७ ४११ ४१५ कम ग्यिो तीती काल ॥५७७॥ तीति जहाति भाव कम जहाति मावं काला Jain Education Intere st For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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