Book Title: Acharya Tulsi Ek Sahityik Mulyankan Author(s): Bhanvar Surana Publisher: Z_Kesarimalji_Surana_Abhinandan_Granth_012044.pdf View full book textPage 3
________________ 608 कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : पंचम खण्ड . ... .............................................................. अणुव्रत गीत एवं अणुव्रत के सन्दर्भ में अणुव्रत आन्दोलन के मूल सिद्धान्तों की क्रमशः गीतमयी व सहज सरल व्याख्या की गई। प्रश्नोत्तर शैली में समसामयिक, सामाजिक, आर्थिक क्षेत्रों में नैतिकता व शुद्धाचरण की आवश्यकता भी इन ग्रन्थों में आचार्यश्री ने प्रतिपादित की है। राम के जीवन पर जैन परम्परा में एक प्रगीत प्रबन्ध भी आचार्यश्री ने अग्नि परीक्षा शीर्षक से लिखा है। आचार्यश्री ने अपने पूर्ववर्ती आचार्यों के जीवन का परिचय देते हुए ही श्रीकाल यशोविलास, माणक महिमा, डालिम चरित्र, कालू उपदेश वाटिका आदि ग्रन्थों का प्रणयन किया है। उनके प्रवचनों के अनेक संग्रह भी सामने आये हैं जिनमें सन्देश, कान्ति के पथ पर, नवनिर्माण की पुकार आदि संग्रह प्रमुख हैं। अपने इस विस्तृत साहित्य सृजन के अतिरिक्त अपने विद्वान् मुनियों के साहित्यिक कार्यकलापों को भी आचार्यश्री की सतत प्रेरणा, निर्देशन व मार्गदर्शन का सम्बल प्राप्त होता रहता है। 0000 - 0 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3