Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami,
Publisher: ZZZ Unknown
View full book text
________________
एकाददाजास्तिक नितिन जनप्रतिशवी फा०पासकतावशक्षित. लाक्लाक्षश्यकश्याल्पव।। Sसक्या उपकादिकसहितhanाकोवरदिन इनस्तान
२५० मवानाविधकन
sar रकुलोवाजिकिदातिरावाजिकिदाफासट्याएसमिाजासते जोव सिन्ततितप्राकनिर०नि-बडूकराततिरकृयदि तिन्साशवाभायेगा०26 खनऊऊलंघन निनाजारापर्वातामाकीमासमलिइनेमदितवइक्सनक्षमहिनाकुतारतनान ।।
Raमिलाकरवीनानम्मरहलवककहकप्रन्यांताकसीगनादिका। निरुतसहितन पनिगाहेकाए
से जिरकूणीचा निरकुणीवा गादाव व्यागार स्वनियांचाकरमरजानाकरनेवालवारिकतमदिनतया । पनिरीवरिहरनमंति
वरायाकत प्रवलक्षण
নওরিওঃনানন্সq रकुलाजावावविसिकाशालोमलछिएकावागारखिएमावायरिदारिन रिकारकामलालसन्तावमालासेमा गान्गुरु स्वान नाकाकाबंशत्यादिकी तसहि कु०यनदि तलागलिपातलिएकसायनाइवेसनकरई
अवभिटारितासहीदाasa

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 594