Book Title: Aasan Pranayam Mudra Bandh Author(s): Satyanand Sarasvati Publisher: Bihar Yog Vidyalay View full book textPage 6
________________ स्वामी शिवानन्द सरस्वती स्वामी शिवानन्द का जन्म तमिलनाडु के पट्टामडई में 8 सितम्बर 1887 को हुआ। मलाया में चिकित्सक के रूप में कार्य करने के पश्चात् वे चिकित्सा कार्य छोड़कर ऋषिकेश आ गये तथा 1924 में स्वामी विश्वानन्द सरस्वती द्वारा दशनामी संन्यास-परम्परा में दीक्षित हुए। 1925 में उन्होंने सत्य सेवाश्रम औषधालय की स्थापना की। सम्पूर्ण भारत वर्ष में भ्रमण करते हुए लोगों को योगाभ्यास तथा आध्यात्मिक जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा दी। 1936 में ऋषिकेश में दिव्य जीवन संघ की स्थापना की। 1945 में शिवानन्द आयुर्वेदिक फार्मेसी, 1948 में योग वेदान्त अरण्य अकादमी तथा 1957 में शिवानन्द नेत्र चिकित्सालय की स्थापना की। योग स्वास्थ्य तथा आध्यात्मिक जीवन पर दो सौ से भी अधिक पुस्तकों का प्रणयन किया। स्वामी सत्यानन्द सरस्वती स्वामी सत्यानन्द सरस्वती का जन्म उत्तर प्रदेश के अल्मोड़ा ग्राम में 1923 में हुआ। 1943 में उन्हें ऋषिकेश में अपने गुरु स्वामी शिवानन्द के दर्शन हए और उन्होंने दशनामी संन्यास पद्धति अपना ली। 1955 में उन्होंने परिव्राजक रूप में भ्रमण करने के लिए शिवानन्द आश्रम छोड़ दिया। तत्पश्चात् 1956 में उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय योग मित्र मण्डल एवं 1963 में बिहार योग विद्यालय की स्थापना की। अगले 20 वर्षों तक वे योग के अग्रणी प्रवक्ता के रूप में विश्व भ्रमण करते रहे। अस्सी से अधिक ग्रन्थों के प्रणेता स्वामीजी ने ग्राम्य-विकास की भावना से 1987 में दातव्य संस्था 'शिवानन्द मठ' की एवं योग पर वैज्ञानिक शोध की दृष्टि से योग शोध संस्थान की स्थापना की। 1988 में अपने मिशन से अवकाश ले, क्षेत्र संन्यास अपनाकर सार्वभौम दृष्टि से परमहंस संन्यासी का जीवन अपना लिया है।Page Navigation
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