Book Title: Aarya Sthulbhadra
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 32
________________ आर्य स्थूलभद्र शोक निवृत्ति के बाद स्थलभद्र-श्रीयक ने मिलकर सातों बहनों का दीक्षा महोत्सव किया। आर्य संभूति की शिष्या साथ्वीसुव्रता केपाससातों बहनों ने दीक्षा ले ली। करेमि भन्ते सामाइय... BAD आज से तुम्हारी जीवन PARAशैली बदल गई है। REP कुछ दिन बाद राजा नन्द का दूत पुनः स्थूलभद्र के पास समाचार लेकर आया। स्थूलभद्र एक सफेद चादर लपेटे ही राजसभा में पहुँच गये। महाराज को प्रणाम किया। राजा ने कहा वत्स ! अपने महाराज! पिताश्री का यह पद मुझे सोचने का तुम संभालो। समय दीजिए। DIY वत्स ! सोचना क्या है? तुम इस पद के सर्वथा योग्य हो। GUDA इसलिए हम तुम्हें ही महामंत्री बनाना चाहते हैं।

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