Book Title: Aagam Manjusha 41B Mulsuttam Mool 02 B PindaNijjutti
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar

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Page 18
________________ साहारणो य कालो तिहा मुणेयो। साहारणमि काले तत्याहारे इमा मत्ता॥१॥सीए दवस्स एगो भत्ते चत्तारि अहर दो पाणे। उसिणे दवस दोषि उ तिमिव सेसा उ भत्तस्स // 2 // एगो वस्स भागो अवहितो भोयणस्स दो भागा। वइति व हायति व दो दो भागा उ एकेके // 3 // एत्य उ तइयचउत्था दोणि य अणपट्ठिया भवे भागा। पंचमछट्ठो पढ़मो बिहओवि अवट्ठिया भागा॥४॥नं होड सइंगालं जं आहारेइ मुच्छिओ संतो। तं पुण होइ सधूमं जं आहारेइ निंदंतो // 5 // अंगारत्तमपतं जलमार्ण इंधणं सधूमं तु / अंगारत्ति पवुचइ त चिय दइ गए घूमे ॥६॥रागग्गिसंपलिनो भुजंतो फासुर्यपि आहार। निहढंगालनिभं करेइ चरणिधणं खिप्पं // 7 // दोसम्गीवि जलतो अप्पत्तियधूमधूमियं चरण / अंगारमित्तसरिसं जा न हवह निहही नाव // 8 // रागेण सइंगालं दोसेण सधूमगं मुणेया। छायालीसं दोसा बोद्धधा भोयणविहीए // 9 // आहारंति तवस्सी विगइंगालं च विगयधूमं च। झाणज्झय. णनिमित्तं एसुवएसो पवयणम्स / / 660 // छहिं कारणेहिं साधू आहारितोवि आयरइ धम्म। छहि चेव कारणेहिं णिजूहिंतोवि आयरह // 1 // वेयण वेयायचे इरियट्टाए य संजमट्ठाए। तह पाणवत्तियाए छ8 पुण धम्मचिंताए // 2 // नस्थि छुहाए सरिसा वियणा मुंजेज तप्पसमणट्ठा। छाओ यावचं ण तरह काउं अओ भुजे // 3 // इरिअं नचि सोहेई पेहाईअंच संजमं काउं। थामो (छाओ) वा परिहायइ गुणणुप्पेहासु अ असत्तो // 4 // अहव ण कुजाहारं, छहिं ठाणेहि संजए। पच्छा पच्छिमकालंमि, काउं अप्पक्सम खमं // 5 // आर्यके उवसम्गे तितिक्खया बंभचेरगुत्तीसु / पाणिदया तवहेउं सरीरवोच्छेयणवाए // 6 // आयंको जरमाई रायासन्नायगाइ उवसम्यो। बंभवयपालणट्ठा पाणिदया बासमहियाई / आतबहेउ चउत्थाई जाव उ छम्मासिओ नवो होइ। उढे सरीरयोच्छेयणट्ठया होअणाहारो॥८॥सोलस उग्गमदोसा सोलस उप्पायणाए दोसा उ। दस एसणाएँ दोसा संजोयणमाइपंचेव॥९॥ एसो आहारविही जह IN/ भणिओसवभावदसीहिाधम्मावस्सगजोगा जेण नहायतितं कुजा॥६७०॥जा जयमाणस्स भवे विराहणासत्तविहिसमम्गस्सामा होड निजरफला अजसस्थविसोहिजत्नस्स॥६७१॥

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