Book Title: Aagam 44 Nandisootra Haaribhadriyaa Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 2
________________ आगम “नन्दी”- चूलिकासूत्र-१ (मूलं+वृत्ति:) ....मूलं [-1 / गाथा ||HI (४४) प्रत N सुत्रांक गाथा ARACTICWACHAR2CW2CAPACHARONGHAWACHANComal श्रीनन्दीसूत्रस्य हारिभद्रीया वृत्ति :। प्रकाशिका-बुहारीवास्तव्यश्रेष्ठिझवरचंदपन्नाजीवितीर्णकिंचित्साहाय्येन श्रीऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेतांवर संस्था, रतलाम । मुद्रयिता-जैनबन्धुमुद्रणालयाधिपः श्रीजुहारमल मिश्रीलाल पालरेचा इन्दौर वीर सं. २४५४ विक्रम सं. १९८४ क्राइष्ट सन १९२८ पण्यं १-१२-. ||-11 ठकाळ8 IRCRAMOCRAwes दीप अनुक्रम H मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र - [४४], चूलिकासूत्र -[१] "नन्दीसूत्र मूलं एवं हरिभद्रसूरिजी-रचिता वृत्ति: | ... 'नन्दीसूत्र'-हारिभद्रिया वृत्ते: मूल टाईटल पेज

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