Book Title: Aagam 32 DEVENDRA STAV Moolam evam Chhaayaa
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 3
________________ मूलाङ्का: ३०७ मूलांक: ००१ ०८१ ३०२ गाथा: मङ्गलं, देविंद-पुच्छा ज्योतिष्क-अधिकार: जिनऋद्धि, उपसंहार: पृष्ठांक: ००४ ०१४ ०४३ 'देवेन्द्रस्तव' प्रकीर्णकसूत्रस्य विषयानुक्रम मूलांक: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित.. ०११ १६२ गाथा: भवनपति अधिकार: वैमानिक अधिकार: ~2~ पृष्ठांकः मूलांक: - ००५ ०२५ ०६७ २७४ -आगमसूत्र - [३२], प्रकीर्णकसूत्र [०९] "देवेन्द्रस्तव" मूलं एवं संस्कृतछाया दीप- अनुक्रमाः ३०७ गाथा: वाणव्यंतर अधिकार: ईषत्प्राग्भारपृथ्वी व सिद्धाधिकार पृष्ठांक ०१२ ०३९

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