Book Title: Aagam 30 GACHCHH AACHAAR Moolam evam Chhaayaa Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 1
________________ [३०] श्री गच्छाचार (प्रकीर्णक)सूत्रम् नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित- सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः “गच्छाचार” मूलं एवं छाया [मूलं एवं संस्कृतछाया] [आद्य संपादकः - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ] (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह ) पुनः संकलनकर्ता→ मुनि दीपरत्नसागर (M.Com, M.Ed., Ph.D.) 15/01/2015, गुरुवार, २०७१ पौष कृष्ण १० jain_e_library's Net Publications मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित आगमसूत्र -[३०], प्रकीर्णकसूत्र- [७] गच्छाचार" मूलं एवं संस्कृतछाया ~0~Page Navigation
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