Book Title: Aagam 23 VRUSHHNI DASHAA Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 2
________________ आगम (२३) “वृष्णिदशा” - उपांगसूत्र-१२ (मूलं+वृत्तिः ) अध्य यनं [-]----------- ------- मूलं [-] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [२३], उपांग सूत्र - [१०] "वृष्णिदशा" मूलं एवं चन्द्रसूरि-विरचिता वृत्ति: SO ENTE + R T 9 ++ + -+-+-+ -+-+-+ -+ 16 i nyasiseREYSANERIAwerSTREYSINESRAEIGAMESHEJAROO श्रीचन्द्रसूरिविरचितवृत्तियुतं प्रत सूत्राक श्री वृष्णिदशासूत्रम् P - S/3omerserseas --- ARATIOGRAMMERINEERIAGAIMEROINSRY - - न्यायाम्भोनिधिश्रीमद्विजयानन्दसूरिपुरन्दरशिष्यमहोपाध्यायश्रीमदुधीरविजयशिष्य रन-अनुयोगाचार्यश्रीमहानविजयगणिभिः संशोधितम् रु. ५०१) श्रेष्टि हरचंद सोमचंद ह. नेमचंदभाइ मु० सुरत पतस्य श्राद्धस्य द्रव्यसाहारयेन, प्रकाशयित्री श्रीआगमोदयसमितिः इदं पुस्तकं अमदाबाद(राजनगर मध्ये शाह वेणीचंद सूरचंद श्री आगमोदय समिति.सैकटरी इत्यनेन युनियनपीन्टिगप्रेसमध्ये टंकशालायां शाह मोहनलालचीमनलालद्वाराप्रकाशितम् । षीरसंवत् २०४८, पण्य रु-१२-० प्रतयः ७५० विक्रमसंवत् १९७८. सन १९२२. MEMOIRATRIOMMEMATURMEETHAKTIMALLAINEERINATREAKIMAMSIRAMEkmerekNSkOMMEXIMMENamastotosiOM G+ ++ +- +- + - + -+- + -+-+- -+ -+- +-+-+ -वार HVARANETSMARTSANETSAMLISARESMARTHAEINARETWAREISAIRSANETSARKETINResetSTRAININETSARETIREMARATHIMIRZU RISTMETRORISASTEREShewereeti दीप अनुक्रम FO वृष्णिदशा-उपाङ्गसूत्रस्य मूल “टाइटल पेज" ~1~

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13