Book Title: Aagam 18 JAMBUDWIP PRAGYPTI Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 1096
________________ आगम (१८) “जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति" - उपांगसूत्र-७ (मूलं+वृत्तिः ) वक्षस्कार [-].-----..........---- ------ मूलं [-] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [१८], उपांग सूत्र - [७] "जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति" मूलं एवं शान्तिचन्द्र विहित वृत्ति: 9 श्रीमच्छान्तिचन्द्रविहितवृत्तियुतं श्रीमजम्बूदीपप्रज्ञप्तिनामकमुपागम् । अष्ठि देवचन्द्र लालभाइ जैनपुस्तकोद्धारे ग्रन्थाङ्क: ५४ ROKOKOKOKOKOOOOOOO इयं मूल संपादने मुद्रितं अन्तिम-पृष्ठं वर्तते मुनिश्री दीपरत्नसागरेण पुन: संपादित: (आगमसूत्र १८) “जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति” परिसमाप्त: ~ 1095~

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