Book Title: Aagam 18 JAMBUDWIP PRAGYPTI Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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________________ [१८] श्री जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति (उपांग)सूत्रम् नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः । "जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति” मूलं एवं वृत्ति: [मूलं एवं शान्तिचन्द्र विहित वृत्तिः] । [आदय संपादकः - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ।। (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता- मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.) | 15/02/2015, रविवार, २०७१ महा कृष्ण ११ jain_e_library's Net Publications मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र-[१८], उपांग सूत्र-[७] "जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति" मूलं एवं शान्तिचन्द्रविहित वृत्तिः

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