Book Title: Aagam 08 ANTKRUT DASHA Moolam evam Vrutti Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 1
________________ [०८] श्री अन्तकृद्दशाङ्गसूत्रम् नमो नमो निम्मलदसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः । "अंतकृद्दशा” मूलं एवं वृत्ति: [मूलं एवं अभयदेवसूरि रचित वृत्तिः ] [आदय संपादकः - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ] | (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता- मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.) 29/09/2014, सोमवार, २०७० आसो शुक्ल ५ jain_e_library's Net Publications मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......आगमसूत्र-[०८], अंग सूत्र-[०८] “अन्तकृद्दशा" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्तिः ~0~Page Navigation
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