Book Title: Aadinath Charitra
Author(s): Pratapmuni
Publisher: Kashinath Jain Calcutta

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Page 583
________________ ( ४ ) तरह खोल-खोल कर समझा दिया है । पाठकोंसे हमारी विनीत प्रार्थना है, कि एक बार हमारी बात पर विश्वास कर एक प्रति अवश्य मँगवावें । अगर आपको हमारी बात पर प्रतीति हो जाय तो फिर अपने इष्ट मित्रोंसे भी मँगवानेके लिये प्रेरणा करें। मूल्य अजिल्द ३||) सजिल्द ४ ||) c सती शिरोमणी चन्दनबाला इस पुस्तक में सुश्राविका सती- शिरोमणी चन्दनबाला का चरित्र बड़ीही मनोहर भाषा में लिखा गया है, चन्दनबाला को सतीत्व की रक्षा करने के लिये जो-जो विपत्तियें सहनी पड़ी हैं और सतीत्व के प्रभाव से उनके जीवन में जो-जो घटनायें हो गई हैं, सो इस पुस्तक में खूब अच्छी तरह खोल-खोल कर समवा दिया गया है । जैनी व अजैनी सब को यह पुस्तक देखनी चाहिये । सती - शिरोमणी चन्दनबाला की जीवनी प्रत्येक कुल लक्ष्मियों को पढ़ना चाहिये । बालक, स्त्री, पुरुष सभी इस पुस्तकको पढ़ कर मनोरञ्जन और शिक्षा लाभ कर सकते हैं । सारी लिखी गई है, जिससे पढ़ने में आता है । और पाठक को पढ़ने में ऐसा जी लगता है, कि पुस्तक छोड़ते नहीं बनती। आपने चन्दनबाला का चरित्र पुस्तक उपन्यास के दङ्ग पर अधिकाधिक आनन्द C और कहीं पढ़ा सुना भी होगा; पर हम दावेके साथ कहते हैं।

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