Book Title: Aadinath Charitra
Author(s): Pratapmuni
Publisher: Kashinath Jain Calcutta

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Page 582
________________ करना चाहते हैं, अगर आप अपनी पुत्री को अपने सम्प्रदायमें ही दृढ़ रखना चाहते हैं, अगर आप अपनी पुत्रियोंसे, अपनी बूढी माताओं को धर्मोपदेश प्रदान करवाना चाहते हैं, अगर आप अपनी पुत्रियों को सुलक्षणा करना चाहते हैं, तो इस पुस्तकको अवश्य मँगवाकर पढ़ाइये। इस ग्रन्थ की हिन्दी भाषा भी ऐसी सरल शैलीसे लिखी गई है, कि साधारण हिन्दी लिखने पढ़नेवाली बालिका भी अतीव सरलता से पढ़ सक्ती है। एक समय हमारी बातपर विश्वासकर कम-से-कम एक पुस्तक अवश्य मँगवाकर अपनी स्त्रियोंको दीजिये , अगर आप को हमारी बात प्रमाणित मालूम हो जाय तो दूसरी पुस्तक मॅगवाइये। मूल्य रेशमी सुनहरी जिल्द ५) अजिल्द सादा कवर ४) डाकखर्च अलग। अध्यात्म अनुभव योग प्रकाश इस पुस्तकमें योग सम्बन्धी सर्वविषयोंकी व्यक्तता की गई है, योगके विषयको समझानेवाली, हिन्दी साहित्यमें आजतक ऐसी सरल पुस्तक कहीं नहीं प्रकाशित हुई। इस पुस्तकमें हठयोग तथा राजयोगका साङ्गोपाङ्ग वर्णन, चित्तको स्थिर करने आदिके उपाय ऐसी सरल शैलोसे लिख्खे गये हैं, जिन्ह सामान्य बुद्धिवालाबालक भी बड़ी आसानीके साथ समझ सकता है, इस ग्रन्थ-रत्नके कर्ता एक प्रखर विद्वान जैनाचार्य हैं, जिन्होंने निष्पक्षपात दृष्टिसे प्रत्येक विषयोंको खूब अच्छी

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