________________
२. पंचाल
३- शूरसेन
४- कोसल
५- काशी
६- विदेह
७- मगध
८- अंग
९- दक्षिण कोसल
१०. वत्स
११- वैदि
१२- अवंती
१३- मत्स्य
२०
(कन्नौज)
(आज)
(अवधी)
(भोजपुरी)
(मैथिली)
(मगही)
(एल्सी सगड़ी)
(बोली)
(जुबेली)
(मालवी)
(जयपुरी)
बहुत सम्भव है कि कुछ प्राचीन जनपद और हों परन्तु उनका उल्लेख ही न मिलता हो साथ ही इन प्राचीन जनपदों में कुछ नाम संविथ भी हों। जब इन जनपदों में हिन्दी के रूप में जो साहित्यिक भाषा मिलती है वह बड़ी बोली है। क्षेत्र सब जनपदीय विमाकार्य अन हिन्दी की सहायक बोलियां जान रह गई है। बोली के पीछे कुछ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कारण उसका इतिहास बनाते चलते है। जी तक हिन्दी का प्रश्न है वह फारसी द क्योंकि संस्कृत में - ध्वनि कारवी में हो जाती है। इसी तरह हिन्द, हिन्दी, और हिन्दू तीनों व विदेशियों की देन है प्राचीन समय में हिन्दी से तत्पर्य मध्यदेश की इन्हीं arette feerera है है किया जाता था, पर कालान्तर में बड़ी बोली ही हिन्दी का किस्म बन गई है।
की सीमाएं
******
हिन्दी माया का प्रयोग यो दो भारतीय भाव पापा की किसी