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D. HGT3TT at fay - INTRODUCTION OF POSTURES
7. कायोत्सर्ग - जिन मुद्रा Käyotsarga or Jina Mudrä
काउस्सग्ग - अप्पाणं वोसिरामि कहने के बाद, नासिका के अग्र भाग पर दृष्टि स्थिर करते हुए, पैर के दोनों अंगूठों के बीच चार अंगुल का एवं एड़ियों के बीच कुछ कम (तीन अंगुल से कुछ ज्यादा) अंतर रखकर, शरीर को स्थिर रखें
Käussagga - After saying appänam vosirami, making the sight unwavering on the tip of the nose, keeping the space of four fingers in between the toes and little less (little more than three fingers) in between the heels of the legs, keep the body firm (Pic. 7).
Fig 7
8. योग मुद्रा - Yoga Mudra
सकल-कुशल वल्ली , चैत्य-वंदन, जं किंचि (सूत्र नं.12), नमुत्थु णं (सूत्र नं.13), नमोर्हत् (सूत्र नं.16), स्तवन एवं उवसग्ग-हरं स्तोत्र (सूत्र नं.17) योग मुद्रा में जय वीयराय सूत्र (सूत्र नं.18) गाथा नं. 3, 4 और 5 योग मुद्रा में
Fig 8
Posture of reciting caitya vandana, jam kinci, namutthu nam, jävanti ceiyaim, javanta ke vi, namorhat, uvassagga-haram and stavana
(Pic. 8,9,10).
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PRATIKRAMAN SUTRA BOOK