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________________ रा इइतेले निरजलजादा गाश्म मेमा पोकरीमा दियो तन ने एक चैौ। पोतनजहर कदै २ तिहाथी बीजे एका ऐनसरन्यायो । तजि मा एडकरच्चामा मा देवे करने वा इतरे वेमा सो लागो ति द्वारे उदाइ ९ए मारमा सरनेम द्योतनने यगेवेमदि इबादी जान राष्यों हरबीर तो उदाइने ले लो जी चात्रामायनी दिमन्त्रवितदपो सो करे। तिवारी दाई राजा रसोइदा रने कहै ।। तननै जिमलरोट करोति कदै सो इस्सो इकरने जीमा है तिहार रसोइमोद्यातननै कुनै ऐसोरसोइक दोन कदै मोने कोइ वारे रसोइयो कदै उदाइजीली ऐसो की मोठे शिवारे प्रयोतनक है म्हारे पोसा है रसोइयो के स्वामीतिलो जमिनही उदाइरुदै भूषा मवाये। मकरता संव बन्सरीदने उदाइराजा ऐसोकरी संदत्सरीनो यद्विकमलो करी मंत्रथ की चोरामीला बजी वा जोन मावी पवैचेतना जाइक है - होली म बाबा तिहार चम्प्रद्योतन रोल्पो जैजैनीदमा कमी गामैडीदी मी मुठ्ठक है मादा जातिवारे उद्या कदै स्वर्ण मुलका नागझिरास्प्रे मारी कुमा इरेमी दीक्षा विदारीच प्रद्योतन रुंदै बाबु नदी नाईक है किममा कदे मानकर गुल का द्योत बमानी तिसरे चे 59 द्योतननै उदा इक है तुमारें मागनें दासीत एवेना पदस्पातिले विदा तमानी तिवारे उदा स्वर्ण पुलकाने खुबी बीरै प्रलाइ छोदाय जोदी दें। माना माहित मुगदी सीघ्र दोषीठ के पतौरा जादोमा सो तान्त्रिाइलो घरे जाग्यो। इमसे सारनास बनी गत्ता एक दो प्रस्तावे श्रीजन रानविद्दार करतानीत त्तम श टपस्या तिवारे दाइ दादाच्याम देशना सातली दिव्यानी मनस्पा थई सिदारे चितको महरे एकीज पुत्र । यदि मस्तबिजो मै राजदे तो संसारमा ||दिरुन स्पैतेनली रोशिमासी धरेच्या दिके सी कमरा रोजा जतेर नैराज देईप्रादी यानी तदाकरी कर्म बरानी केवल ग्यानामीगियो कुमर तिथी रिसाला नगरी नानापा से जाइ निदोष होली से एल्वै तिहार श्रादधर्म पनि सो मिकमलो करे / बमत शमला करै सर्वसिंह चोरासीलाइ जीवा जोनमा उदाइराजासमान ही मुकनै राज्यश्री माइक है इनिंदकुमार उदाइरेश्रायत समेएस वेजादिनमा सत्यरे का राजकुमार शिक्षिको तिहारै फरकुमारनी गर्तिनै दिबैजनों तिमी जेन कर वे ई तिनदा राजानी कथा. त०] तिमजका०कामदमनु से०प्रतिप्रसनीस० का०को मनोगQ०ता० प्रक बहस करुनंदा जानी कथा कहै । कासी देस छानेर एारसी राजानंदननामा० मोल ससमनमि मिनइ चीन म० मोटो इन नगरा चातिशेवर राजाराज्य करे / जयवंती नांमेराली बैतेनी बनो उद्नो सात मोठ्ल देवनंदन मैले कलय ३ देश तदेव कामी राम|1595 सेनसच्च क्रिमे। कामनोगे । वदले कम मदाबणं गर्ल 16920
SR No.650014
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages248
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size138 MB
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