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________________ आवश्यकनिर्युक्तेरव चूर्णिः // 244 // चउरासीई बिसत्तरि सही तीसा य दस य लक्खाई। पण्णटि सहस्साई छप्पण्णा बारसेगं च // 405 // बलदेवानामायुराहपंचासीई पनत्तरी अ पन्नहि पंचवन्ना य / सत्तरस सयसहस्सा पंचमए आउअं होइ // 406 // पंचासीइ सइस्सा पण्णट्ठी तह य चेव पण्णरस / बारस सयाई आउं बलदेवाणं जहासंखं // 407 // . पुराण्याहपोअण चारवइतिगं अस्सपुरं तह य होइ चक्कपुरं / वाणारसि रायगिहं अपच्छिमो जाओ महुराए // 408 // मातृद्वारमाह, एताश्च यथाक्रम. मिगावई उमा चेव पुहवी सीआ य अम्मया / लच्छीमई सेसमई केगमई देवई इअ॥४०९॥ | भद्द सुभद्दा सुप्पभ सुदंसणा विजय वेजयंती अ। तह य जयंती अपराजिआ य तह रोहिणी चेव // 41 // पितृनाहहवइ पयावइ बंभो रुद्दो सोमो सिवो महसिवो य / अग्गिसीहे अ दसरहे नवमे भणिए अवसुदेबे // 411 // एतेषां पर्यायवक्तव्यतामभिधित्सुराहपरिआओ पवजाऽभावाओ नत्थि वासुदेवाणं / होइ बलाणं सो पुण पढमऽणुओगाओ नायव्वो॥४१२॥ वीसभूई पचइए धणदत्त समुद्ददत्त सेवाले। पिअमित्त ललिअमित्ते पुणवसू गंगदत्ते अ॥१॥ वासुदेवादीनामायु:पुरमातापितृपर्याय| द्वाराणि / नि० गा. 405-412 EXXXXXXXXXX bolly244 //
SR No.600447
Book TitleAvashyak Sutra Niryukterev Churni Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManvijay
PublisherDevchandra Lalbhai Jain Pustakoddhar Fund
Publication Year1965
Total Pages460
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_aavashyak
File Size37 MB
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