________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-३ // 1500 // 25 शतके उद्देशक:६ सूत्रम् 769 पुलाकादेलेश्यापरि णामा: कषायद्वारे सकसाई होन्जत्ति पुलाकस्य कषायाणां क्षयस्योपशमस्य चाभावात् / / 86 // 'तिसु होमाणे इत्यादि, उपशमश्रेण्यां क्षपकश्रेण्यांवा सज्वलनक्रोध उपशान्ते क्षीणे वाशेषेषु त्रिषु, एवं माने विगते द्वयोर्मायायांतु विगतायां सूक्ष्मसम्परायगुणस्थानक एकत्र लोभे भवेदिति // 87 // // 768 // लेश्याद्वारे ८९पुलाएणं भंते! किंसलेस्से अलेस्से होजा?, गोयमा! सलेस्से होजाणो अलेस्से होजा, जइसलेस्से होजा सेणं भंते! कतिसु लेस्सासुहोजा?, गोयमा! तिसुविसुद्धलेस्सासुहोजा, तं० तेउलेस्साए पम्हले० सुक्कले०, एवं बउसस्सवि, एवंपडिसेवणा कुसीलेवि, 90 कसायकुसीले पुच्छा, गोयमा! सलेस्से होज्जा णो अलेस्से होज्जा, जड़ सलेस्से होजा से णं भंते! कतिसु लेसासु होला?, गोयमा! छसुलेसासु होजा, तं० कण्हलेस्साए जाव सुक्कले०,९१ नियंठेणंभंते! पुच्छा, गोयमा! सलेस्से होजाणो अलेस्से होजा, जइसलेसे हो० सेणं भंते! कतिसुलेस्सासु होजा?, गोयमा! एक्काए सुक्कलेस्साए होज्जा, 92 सिणाए पुच्छा, गोयमा! सलेस्से वा अलेस्से वा होजा, जइसलेस्से हो० सेणंभंते! कतिसुलेस्सासु होज्जा ? गोयमा! एगाए परमसुक्कलेस्साए होज्जा 19 // सूत्रम् 769 // 93 पुलाएणं भंते! किंवड्डमाणपरिणामे होज्जा हीयमाणपरिणामे होना अवट्ठियप०?, गोयमा! वडमाणप० वा होज्जा हीयमाणप० वा होज्जा अवट्ठियप० वा होजा, एवं जाव कसायकुसीले / 94 णियंठे णं पुच्छा, गोयमा! वड्डमाणप० हो० णो हीयमाणप० हो०, अवट्ठियपरिणामेवा होज्जा, एवं सिणाएवि॥९५ पुलाएणं भंते! केवइयं कालं वड्डमाणप० होजा?, गोयमा! ज० एक्कं समयं, उ० अं०, 96 केवतियं कालं हीयमाणपरिणामे होजा?, गोयमा! ज० एवं समयं, उक्को० अंतोमु०, 97 केवइयं कालं अवट्ठियप० होजा?, गोयमा! जहन्ने० एकं समयं उक्कोसेणं सत्त समया, एवं जाव कसायकुसीले। 98 नियंठे णं भंते! के० कालं वडमाणप० होजा?, गोयमा! ज० अंतो० उ०वि अंतो०, 99 के० कालं अवट्ठियप० होजा?,गोयमा! ज० एवं समयं, उ० अंतो०।१०० सिणाए // 1500 //