________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-३ // 1496 // 25 शतके उद्देशक: 6 सूत्रम् 765-768 पुलाकादेः पर्यवयोगकषायाः च०पज्जवा अणंतगुणा, पडि कुसीलस्स उक्कोसगा च०पज्जवा अणंतगुणा, क०कुसीलस्स उक्कोसगा च०पजवा अणंतगुणा, णियंठस्स सिणायस्स य एतेसिणं अजहन्नमणुक्कोसगाच०पज्जवा दोण्हवि तुल्ला अणंतगुणा 15 ॥सूत्रम् 765 // 83 पुलाए णं भंते! किं सयोगी होज्जा अजोगी वा होजा?, गोयमा! सयोगी होज्जा नो अयोगी होज्जा, जइ सयोगी होजा किं मणजोगी होजा वइजोगी होजा काययोगी होजा?, गोयमा! मणजोगी वा होज्जा वयजोगी वा होज्जा कायजोगी वा होज्जा, एवं जाव नियंठे। 84 सिणाएणंपुच्छा, गोयमा! सयोगी वा होज्जा अयोगी वा होजा, जइ सयोगी होज्जा किंमणजोगी होज्जा सेसं जहा पुलागस्स 16 ॥सूत्रम् 766 // 85 पुलाएणं भंते! किं सागारोवउत्ते होजा अणागारोवउत्ते होजा?, गोयमा! सागारोवउत्ते वा होज्जा अणागारोवउत्ते वा होज्जा एवं जाव सिणाए 17 // सूत्रम् 767 // 86 पुलाएणं भंते! सकसायी होज्जा अकसायी होजा?, गोयमा! सक० होजाणो अक० होज्जा, जइ सकसाई सेणं भंते! कतिसु कसाएसु होजा?, गोयमा! चउसु कोहमाणमायालोभेसु होज्जा एवं बउसेवि, एवं पडिसेवणाकुसीलेवि, 87 कसायकुसीले णं पुच्छा, गोयमा! सक० होजाणो अक होजा, जइ सक० होज्जा से णं भंते! कतिसु कसाएसु होजा?, गोयमा! चउसु वा तिसुवा दोसुवा एगमिवा होज्जा, चउसु होमाणे चउसुसंजलणकोहमाणमायालोभेसुहोजा तिसुहोमाणे तिसुसं०माणमायालोभेसु होज्जा दोसु होमाणे संमायालोभेसुहोज्जा एगंमि होमाणे सं०लोभे होज्जा, 88 नियंठेणं पुच्छा, गोयमा! णो सक० होज्जा अक० होज्जा, जड़ अक० होज्जा किं उवसंतक होजा खीणक० होजा?, गोयमा! उवसंतक० वा होजा खीणक० वा होज्जा, सिणाए एवं चेव, नवरंणो उवसंतक होजा, खीणक होज्जा १८॥सूत्रम् 768 // // 1496 //