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________________ 24 शतके उद्देशक:१ सूत्रम् 693 असजिप भाग-३ यन्तोत्पादः सूत्रम् 694 सज्ञयुत्पादः श्रीभगवत्यङ्ग उत्कृष्टस्थितिकं 3 चाश्रित्य वाच्यास्तदेवमेते नव गमाः, तत्र जघन्यस्थितिकमसज्ञिनमाश्रित्य सामान्यनारकगम उच्यते श्रीअभय जहन्ने त्यादि, आउंअज्झवसाणा अणुबंधो यत्ति आयुरन्तर्मुहूर्तमेव जघन्यस्थितेरसज्ञिनोऽधिकृतत्वात्, अध्यवसायस्थानान्यवृत्तियुतम् प्रशस्तान्येवान्तर्मुहूर्त्तस्थितिकत्वात्, दीर्घस्थितेर्हि तस्य द्विविधान्यपि तानि संभवन्ति कालस्य बहुत्वात्, अनुबन्धश्च // 1349 // स्थितिसमान एवेति / कायसंवेधे च नारकाणां जघन्याया उत्कृष्टायाश्च स्थितेरुपर्यन्तर्मुहूर्त वाच्यमिति 4 // 28-36 // एवं जघन्यस्थितिकं तं जघन्यस्थितिकेषु तेषूत्पादयन्नाह जहन्नकालट्ठिई त्यादि 5 // 37 // एवं जघन्यस्थितिकं तमुत्कृष्टस्थितिषु तेषूत्पादयन्नाह जहन्ने त्यादि 6, एवमुत्कृष्टस्थितिकं तं सामान्येषु तेषूत्पादयन्नाह उक्कोसकाले त्यादि 7, एवमुत्कृष्टस्थितिकं तं जघन्यस्थितिकेषु तेषूत्पादयन्नाह उक्कोसकाले त्यादि 8, एवमुत्कृष्टस्थितिषूत्पादयन्नाह उक्कोसकाले त्यादि९॥एवं तावदसज्ञिनः पञ्चेन्द्रियतिरश्चो नारकेषूत्पादो नवधोक्तः।। 38-51 // // 693 // अथ सज्ञिनस्तस्यैव तथैव तमाह 52 जइ सन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति किं संखेज्जवासाउयसन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उव० असंखेन्जवासाउयसन्निपंचिंदियतिरिक्खजाव उव०?,गोयमा! संखेजवासाउयसन्निपंचिं०जोणिएहितो उव० णो असंखेजवासाउयसन्निपंचिंदियजाव उव०,५३ जइ संखेन्जवासाउयसन्निपंचिंदियजाव उव० किं जलचरेहिंतो उव०? पुच्छा, गोयमा! जलचरेहितो उव० जहा असन्नी जाव पजत्तएहिंतो उव०णो अपज्जत्तेहिंतो उव०,५४ पजत्तसंखेजवासाउयसन्निपंचिं०जोणिएणं भंते! जे भविए णेरइएसु उववजित्तए सेणं भंते! कतिसुपुढवीसु उववजेजा?, गोयमा! सत्तसुपुढवीसु उव० तंजहा-रयणप्पभाए जाव अहेसत्तमाए, 55 पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निपंचि जोणिए णं भंते! जे भविए रयणप्पभपुल्ने० उववजित्तए से णं भंते! केवतियकालट्ठितीएसु उववजेजा?,गोयमा! ज० दसवाससहस्सद्वितीएसु, उ० सागरोवमट्टितीएसु उव०,५६ तेणं भंते! जीवा एगसमएणं केवतिया उव०?, // 1349 //
SR No.600445
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages562
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size38 MB
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