________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-३ 20 शतके उद्देशकः 5 सूत्रम् 668 परमाण्वादिवर्णादिः // 1301 // 14 सिय कालगाय, नीलए य, लोगाय, हा०एय, सु०ए य 15 सिय कालगाय, नीलगाय, लो०ए य, हा एय,सु०एय 16 एए सोलस भंगा, एवं सव्वमेते एक्कगदुयगतियगचउक्तगपंचगसंजोगेणं दो सोला भंगसया भवंति, गंधा जहा चउप्पएसियस्स, रसा जहा एयस्स चेव वन्ना फासा जहा चउप्पएसियस्स॥ 8 अट्ठपएसियस्सणं भंते! खंधेपुच्छा, गोयमा! सिय एगवन्ने जहा सत्तपएसियस्स जाव सिय चउफासे प० जइ एगवन्ने एवं एगवन्नदुवन्नतिवन्ना जहेव सत्तपएसिए, जइचउवन्ने सिय कालए य, नीलए य, लो०ए य, हाए य१सिय कालए य, नीलए य, लो०ए य, हा गाय 2 एवं जहेव सत्तपएसिए जाव सिय कालगाय, नीलगाय, लोगा य, हा०गे य 15 सिय कालगाय, नीलगाय, लोगा य, हागा य 16 एए सोलस भंगा, एवमेते पंच चउकसंजोगा, एवमेते असीति भंगा 80, जइ पंचवन्ने सिय कालए य, नीलए य, लो०ए य, हा०ए य, सु०ए य 1 सिय कालए य, नीलगे य, लोगे य, हा०गे य, सु०गा य 2 एवं एएणं कमेणं भंगा चारेयव्वा जाव सिय कालए य, नीलगा य, लोगा य, हा०गा य, सुगे य 15 एसो पन्नरसमो भंगो सिय कालगा य, नीलगे य, लोगे य, हा०ए य, सु०ए य 16 सिय कालगा य, नीलगे य, लोगे य, हागे य, सुगा य 17 सिय कालगाय, नीलगे य, लोगे य, हागा य, सु०ए य 18 सिय कालगाय, नीलगे य, लोगे य, हा०गाय, सुगा य 19 सिय कालगाय, नीलगेय, लोगाय, हा०ए य, सु०एय 20 सिय कालगाय, नीलगेय, लोगा य, हा०ए य, सु०एय 21 सिय कालगा य, नीलगे य, लोगा य, हागा य, सु०ए य 22 सिय कालगा य, नीलगा य, लोगे य, हा०ए य, सु०ए य 23 सिय कालगाय, नीलगाय, लोहियगे य, हाए य, सुगा य 24 सिय कालगा य, नीलगाय, लोगे य, हागा य, सु०ए य 25 सिय कालगाय, नीलगा य, लोहियगा य, हालिद्दए य, सुकिल्लए य 26 एए पंचसंजोएणं छव्वीसं भंगा भवंति, एवमेव सपुव्वावरेणं एक्कगदुयगतियगचउक्तगपंचगसंजोएहिं दो एक्कतीसंभंगसया भवंति, गंधा जहा सत्तपएसियस्स, रसा जहा एयस्स चेववन्ना, फासा // 13